ये यूपीसीएल वाले साहब कोरोना ने हमें भी मारा, तो सौतेला व्यवहार क्यों?

ये यूपीसीएल वाले साहब कोरोना ने तो हमें भी मारा, तो सौतेला व्यवहार क्यों?

झुनझुना थमाकर एहसान न दिखाए और सभी उपभोक्ताओं को भी राहत दे! दिखावा और गणित का छलावा नहीं!

कटौती फिजूल खर्चों में घोटालों में कर उपभोक्ताओं को राहत दे!

देहरादून। ऊर्जा विभाग के यूपीसीएल की महानता कही जाये या फिर सोतेला व्यवहार! एमडी वीसीके मिश्रा के बडे़ कृपालू आदेश से होटल, रेस्टोरेंट व ढावे से जुडे़ व्यवसयियों को ऊँट के मुँह में जीरा की तरह फिक्सड चार्जेज में छूट देकर जो महानता दिखाई है और उपभोक्ताओं पर एहसान किया है उसके बारे में जान लीजिए कि क्या होता है फिक्स्ड चार्जेज 75 रुपये प्रति किलोवाट की दर से प्रति कनेक्शन के उपभोक्ता पर हर बिल में लगता है अरथात यदि किसी होटल  का कनेक्शन 10 किलोवाट है तो उस पर 750 रु. बिल में फिक्स्ड चार्जेज लग कर आता है जिसे अब कैबिनेट के पिछली बार हुये निर्णय के अनुपालन में यूपीसीएल द्वारा तीन माह के लिए लागू किया गया है।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री TSR के ही पास ऊर्जा विभाग का भी सीधे जिम्मा है। अगर ऊर्जा मंत्री कोई अलग विधायक होता हो तो शायद वह आम उपभोक्ताओं और छोटे कामर्शियल उपभोक्ताओं का भी दर्द इस कोरोना संकट में समझ पाता और उपभोक्ताओं का तथाकथित हमदर्द यूपीसीएल सौतेला व्यवहार न करके प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं से समान व्यवहार करता तथा सभी को राहत पहुँचाता। जबकि सरकार व ऊर्जा विभाग को चाहिए था कि इनकी राहत को और बढा़ये, झुनझुना थमाकर एहसान न दिखाए और सभी उपभोक्तां को भी राहत दे! दिखावा और गणित का छलावा नहीं!

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