चमोली में स्वीकृत बीएससी नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन तो गोपेश्वर पठियालधार के नाम पर हो रहे है मगर पढ़ाई के लिए छात्राओं को पढ़ने जाना पड़ रहा है करीब 180 किलोमीटर से भी ज़्यादा दूर टिहरी. स्वास्थ्य शिक्षा विभाग और कार्यदायी संस्था यूपी निर्माण निगम की लापरवाही के चलते सिर्फ़ चमोली ही नहीं राज्य भर से गोपेश्वर के नाम पर नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन लेने वाली छात्राओं को पिछले चार साल से टिहरी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
प्रदेश सरकार ने 2015 में चमोली के गोपेश्वर में न सिर्फ नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति दी थी बल्कि 18 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया था ताकि यहां कॉलेज की बिल्डिंग तैयार हो जाए और बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई शुरू हो पाए. लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो पाया.
इसके पीछे जो वजह है वह यह कि जिस नर्सिंग कॉलेज भवन को 2016 में बन जाना चाहिए था वह विभाग और कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम (UPRNN) की लापरवाही के चलते आज तक नहीं बन पाया है. हमेशा की तरह UPRNN रिवाइज़्ड एस्टीमेट के बहाने काम को लटका रही है और गोपेश्वर के पठियालधार के नाम पर एडमिशन लेने वाली छात्राओं को पढ़ने जाना पड़ रहा है 180 किलोमीटर दूर टिहरी. इससे छात्राएं भी परेशान हैं और अभिभावक भी.
ऐसा भी कई बार हुआ है कि चमोली से बाहर के बच्चे नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए जब गोपेश्वर पहुंचते हैं तो उन्हें पता चलता है कि अब उन्हें चमोली जाना पड़ेगा. बाहर से आने वाले लोगों को कई बार यह ‘प्रैक्टिकल जोक’ लगता है और यह हकीकत समझने में दो-तीन दिन का समय लग जाता है कि यह ‘प्रैक्टिकल जोक’ सरकार के अधिकारी उनके साथ कर रहे हैं, पूरी संजीगदी के साथ.
शुरुआती वर्ष 2016 तक पूर्ण हो जाने वाले इस परिसर को लेकर जहां अब कार्यदाई संस्था UPRNN रिवाइज़्ड एस्टीमेट स्वीकृत होने के बाद काम पूरा करने की की बात कह रही है और अब एक बार फिर चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक डॉक्टर आशुतोष सयाना कहते हैं कि अगले सत्र से पक्का गोपेश्वर नर्सिंग कॉलेज में कक्षाएं शुरू हो जाएंगी.