लक्सर 132 kv sub stn. हाईटेक डिवाइस बिजली चोरी प्रकरण. – Polkhol

लक्सर 132 kv sub stn. हाईटेक डिवाइस बिजली चोरी प्रकरण.

लक्सर 132 kv sub stn. हाईटेक डिवाइस बिजली चोरी प्रकरण…
पिटकुल ने किया अभियंताओं सहित13 को किया चार्जशीट!
यूपीसीएल दे चुका है क्लीन चिट?
फिर चोरी कैसे??
…जब चोरी कराने बाले ही करेगें जाँच तो कैसे होगा भंडाफोड़!
सचिव ऊर्जा को आईना दिखाते या धत्ता बताते अधिकारी..!
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देहरादून। अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में सचिव ऊर्जा द्वारा अपने दौरे में पकड़ी गई चोरी और हाई टेक डिवाइस प्रकरण में भी जब ऊर्जा विभाग के यूपीसीएल व पिटकुल के अधिकारी बाज नही आरहें हैं और कम से कम समय में पूरी की जाने बाली जाँच को तीन माह खिचड़ी पकाने में लगाकर दोनो निगम ठीकरा एक दूसरे के सिर फोड़ने की फिराक में लगे हुए हैं। हालाँकि पिटकुल ने आज 13 लोगों को आरोप पत्र जारी कर दिये हैं।
पिटकुल के एमडी संदीप सिंघल के अनुसार जिन 13 लोगों को चार्ज शीट किया गया है उनमें अधिशासी अभियंता राजीव सिंह (o&m), मांगे राम AE (O&M), वीरेंद्र सिंह मेहरा A E (T&C), निर्देश कुमार J E, विनोदमल प्रसाद J E, विनोद कुमार सैनी JE, योगेश कुमार JE (O&M), संदीप कुमार T G-1,हरेंद्र सिंह T G-2, रविंदर कुमार TG-2 एवं हिमांशु मंद्रवाल JE, व दुली चंद TG2 को आरोपित किया गया है।
ज्ञात हो कि इस प्रकरण में दो माह तक कोई कार्यवाही ना होने और टालमटोल किये जाने पर 25 अकटुबर को सचिव ऊर्जा राधिका झा द्वारा नाराजगी प्रकट करने पर वमुश्किल तमाम FIR कराई गई थी और कड़े निर्देशों के बाबजूद भी जो संयुक्त जाँच कमेटी यूपीसीएल व पिटकुल द्वारा गठित की गई थी वह उन्हीं संलिप्त तथाकथित बिजली चोरी कराए जाने में महारथ हासिल कर चुके तथा हर मामले व जाँचों में रायता फैलाने बाले मुख्य अभियंताओं के नेतृत्व में ही चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी जिसकी कारगुजारियों का ही परिणाम है कि यूपीसीएल ने क्लीनचिट देकर पूरे मामले को संदेहास्पद बना दिया तथा पिटकुल के जांच अधिकारियों की जांच कोई बहुत विश्वसनीय व उचित नही बतायी जा रही है क्योंकि इसमें भी जिन्हें चार्ज शीट किया गया है उनके मुखिया भी वही मुख्य अभियंता हैं जो विवादित जांच करने में दक्ष रहे बताए जाते हैं?
उल्लेखनीय है कि “तीसरी आँख का तहलका” इस प्रकरण पर अपने 6 सितंबर के अंक में ही गोलमाल को प्रकाशित कर चुका है।
सूत्रों की अगर माने तो अन्य मामलों की तरह इस प्रकरण में भी राजनीति में दमखम रखने बाले बड़े बड़े बिजली चोरों का दबदबा रहा ताकि सही खुलासा जो होना था वो अभी तक पारदर्शिता के साथ नही किया गया है!?
देखने बाली बात तो यह है सबसे अधिक बिजली चोरी इसी क्षेत्र में और काशीपुर क्षेत्र में होती है- क्योंकि जिन बडी बड़ी फैक्टरियों में चोरी कराकर पौ बारह किये जाते हैं वे काफी राजनीतिक रसूख बाले व प्रभाव बाले हैं, इनमें निदेशक व मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी बताए जा रहें हैं तो ऐसे में भला सही जांच हो जाये संभव नही दिखाई पड़ता!
क्या TSR सरकार बड़े बिजली चारों और चोरी कराने बाले बड़े इन महारथियों के विरुद्ध भी कोई कार्यवाही करेगी या फिर यूँ ही….!

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