बिजली के बिल जमा कराने के लिए काउन्टर खोलने का सुझाव! डीएम ने यथोचित निर्णय का दिया आश्वासन – Polkhol

बिजली के बिल जमा कराने के लिए काउन्टर खोलने का सुझाव! डीएम ने यथोचित निर्णय का दिया आश्वासन

बिजली के बिल जमा कराने के लिए काउन्टर खोलने का सुझाव डीएम ने यथोचित निर्णय का दिया आश्वासन एमडी साहब तो साहब हैं, घरेलू व मध्यम उपभोक्ताओं के बारे मे वार्ता करना उनकी कारपोरेट कल्चर को नहीं भाता!

देहरादून। प्रदेश के उपभोक्ताओं की सदभावी और बिजली के बिलों के भुगतान को नियमित रखते हुये मासिक जमा करने की इचछा पर लाकडाउन के कारण हो रहे अवरोध के हल के लिए जब polkhol.in ने देहरादून के जिलाधिकारी के समक्ष रखा तो उनके द्वारा जनभावना के हित में कहा गया कि यदि यूपीसीएल की ओर से कोई प्रस्ताव आता है तो उस पर नियमानुसार यथोचित निर्णय लिया जायेगा। ज्ञात हो कि अधिकांश घरेलू व छोटे उपभोक्ता नहीं चाहते कि उनपर अनावश्यक बिल का समय से भुगतान न करने पर पड़ने वाले सरचार्ज, विलम्ब शुल्क आदि का बोझ पड़े या फिर बकाया का भी बोझ बढ़े। यूपीसीएल के डिवीजन स्तर के अधिकारियों ने भी लाकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बिल का भुगतान आनलाइन व्यवस्था के माध्यम से ही जमा कराये जाने की बात कहकर निगम के निर्देशों का हवाला देना ही उचित समझा। यहाँ यह भी विदित हो कि अधिकांश घरेलू व छोटे एवं मध्यम उपभोक्ता अभी आनलाइन प्रक्रिया को प्राथमिकता नहीं देते हैं। एक ओर लाकडाउन के चलते उपभोक्ताओं के बिल की मीटर रीडिंग न होने और बिल न मिलने की समस्या का हल न ढूँढ कर यूपीसीएल बड़े समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर उपभोताओं से अपील तो  करता है परन्तु वहीं उसके द्वारा आम उपभोक्ता से भुगतान लेने की कवायद का न किया जाना भी क़ाबिले तारीफ़ है। उल्लेखनीय तो यह भी है कि आरामगाह में बैठे यूपीसीएल के प्रबन्ध निदेशक से जब इस सम्बन्ध में बात करने का प्रयास हमारे द्वारा निगम हित व उपभोक्ता हित में किया गया तो आज भी एमडी साहब ने फोन काल को अटेंड करना भी उचित नहीं समझा जैसा कि वे प्रायः किया करते हैं क्योंकि उनकी आदत के बारे में बताई जा रही यह बात आज भी सही ही दिखाई पड़ी कि चाटुकारों व बड़े मीडिया हाउस के कर्मचारियों व तथाकथित पत्रकारों से घिरे रहने और कारपोरेट कल्चर के शौकीन एमडी साहब को फुर्सत ही कहाँ कि निगम हित की बात करने वाले छोटे मोटे पत्रकारों की बात भी सुने। खैर इस विषय में यूपीसीएल के निदेशक परिचालन से जब बात की गई तो उन्होंने सकारात्मक भूमिका निभाते हुये कोई वैकल्पिक व्यवस्था किये जाने का आश्वासन दिया और तत्काल कार्यवाही की प्रक्रिया भी शुरू किये जाने की पहल करते हुये, निर्देश भी जारी कर दिए।

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