इस लापरवाही के संकेत ठीक नहीं है !
कोरोना कहर : उत्तराखंड में पाजिटिव की संख्या हुई 82, चार मामले आज के
देहरादून। आज शाम के 7 बजे के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कोरोना पाजिटिव मामलों की संख्या 82 हो गयी है। इन नये मामलों में ऐक 11 वर्षीय बच्ची व उसके साथ 23 साल के एक पुरुष जो गुड़गाँव से नैनीताल और एक अन्य पूरुष 23 वर्षीय जो भी गुड़गाँव से पौढी़ आया है की रिपोर्ट भी कोरोना पाजिटिव आई है। इससे पूर्व आज ही विगत दो दिन पूर्व दिल्ली से ईलाज कराकर लौटी छ नम्बर पुलिया क्षेत्र, देहरादून की महिला जो पाजिटिव पायी गयी थी, का ही बेटा निकला जो उसके साथ ही आया था। जिलाधिकारी डा.आशीष कुमार श्रीवास्तव ने भी इसकी पुष्टि की है।
प्रदेश में कोरोना पाजिटिव की संख्या तेजी से शतक की ओर बढ़ रही है। यदि अभी भी प्रदेश सरकार प्रवासियों के इसी प्रकार से आने और उनको घर जाने की छूट देकर अपनी पीठ थपथपाती रहेगी तो बहुत जल्दी ही यह संख्या आने वालों की भारी तादाद को लेकर कोरोना संक्रमण के मामलों में तीन अंको के आँकडे़ छूने लगेगी। क्योंकि जिस प्रकार की कार्य प्रणाली अब अपनाई जा रही है उससे तो नहीं लगता कि स्थिति नियंत्रित हो पायेगी।
आशा कार्यकत्री की सजगता से मिला ऐसे ही घूम रहा शामली से आया युवक : हो सकता है कोरोना संदिग्ध

ज्ञात हो कि अभी तो प्रदेश में बाहर से आने वालों का सिलसिला शुरू ही हुआ है तथा जिस तीव्र गति से ये आ रहे उस गति से इन सभी प्रवासियों के सैम्पल लेने से लेकर उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट आने की प्रक्रिया तुलनात्मक काफी कम व पीछे है, परिणाम स्वरूप कोरोना भरोसे ही रहकर कोरोना को लेकर रोना पडे़गा। सरकार को चाहिए कि आने वाले प्रवासियों को उनके घर तक जाने से पूर्व अर्थात टेस्ट रिपोर्ट आने तक अलग अलग शिविरों की व्यवस्था कर उन्हे ठहराये, और रिपोर्ट आने के बाद ही घर जाने दे या फिर होम क्वरंटाइन कडी़ पाबंदियों के साथ करे। इस प्रकार की लापरवाही और एक आशा कार्यकत्री की सजगता के चलते, पुलिस की मदद से स्वछन्द घूम रहे इन लोंगो को सख्इत हिदायत देदी गयी। इस उदाहरण से ही आनुमान लगाया जा सकता है।
वैसे होम क्वारंटाइन के मामलों में भी अधिकांश ने घर की खेती मानकर मनमानी भी शुरू कर रखी है और पडोसी बुराई भलाई के संकोच से चुप हो जाते हैं, जो चुप्पी भी घातक साबित हो सकती है।
ज्ञात हो कि इस क्षेत्र की आशा कार्यकत्री कल्पेश्वरी जोशी विभागीय निर्देशानुसार बागपत से आए एक परिवार के घर पर आज सूबह होम क्वारंटाइन का स्टीकर लगाने गयी तो उसे बाला सुन्दरी मन्दिर के पास एक अजनबी ब्यक्ति मोटर साईकिल से घूमता दिखाई पडा़ जिसका नाम पूछताछ में जुबी खान निकला, उक्त ब्यक्ति का जाखन में जिम भी बताया जा रहा है तथा किसी खरोला के मकान में किराए पर रहता है किन्तु ये शख्स विगत तीन चार दिनों पहले ही शामली से आया और आईएसबीटी के पास भी बिना परीक्षण कराये स्वतंत्र घूमता रहा है। आशा कार्यकत्री के द्वारा पूछताछ पर मोटर साइकिल लेकर भाग निकला, जिसे बाद में पुलिस की मदद से बुलवाया गया। फिर भी पुलिस ने उसे डाँट डपट कर घर में ही रहने की हिदायत देकर छोड़ दिया जबकि उसका टेस्ट भी कराया जाना चाहिए था। आशा कार्यकत्री ने बताया कि उसने इसकी सूचना अपने सीनियर को भी देदी है।