वाह रे, वाह! ऊर्जा विभाग!
आज बहुप्रतिक्षित साक्षात्कार पर होंगी नियुक्तियाँ या चलेगा चलेगा काला जादू?
मिलेंगे बेदाग और कुछ कारगर व ईमानदार निदेशक व एमडी या फिर गूँजेगा जयघोष भ्रष्टाचार का?
साल भर पुराने आवेदनों से छीन लिया हक नये अभ्यर्थियों का. संविधान में समानता के अधिकार को भी दिखाया ठेंगा!
जो अयोग्य, उन्हें भी साक्षात्कार में बुलाया : मंशा साफ!
किसी को मिल सकती है सल्तनत ईनाम में एवं भ्रष्टाचार में महारथी होने की…!
(ब्यूरो चीफ की कलम से देवभूमि के हित में एक ऐसी आशंका जिसके घटने की है पूरी सम्भावना)
देहरादून। TSR सरकार में कुछ उल्टा-पुल्टा न हो, शायद आपको भी यकीन नहीं होता होगा लेकिन शाम को स्वतः ही हो जायेगा? जब ऊर्जा विभाग के यूपीसीएल व पिटकुल के आज होने वाले साक्पषात्रिकारों के परिणाम सामने आयेंगे! काला जादू का भी असर परी तरह देखने को मिलेगा, मतलब साफ जैसे जादूगर बोलेगा वही सबको दिखाई पडे़गा! फिर क्या गलत और क्या सही। जो ये कह दें या कर दें वही सही!
महत्वपूर्ण इस तथ्य को भी सचिव ऊर्जा व TSR द्वारा अपनी निजी महत्वाकाक्षाओं के चलते साल भर पुराने आवेदनों से छीन लिया हक नये अभ्यर्थियों का. संविधान में समानता के अधिकार को भी दिखाया ठेंगा! भारतीय संविधान के आर्टिकिल 14 में दी गयी व्यवस्था का भी अनुपालन न करते हुये गैर कानूनी व अनुचित रूपं से साक्षात्कार आनन फानन में बुला लिये गये और विगत एक बर्ष पूर्व गजट कराई गयी उक्त नियुक्तियों पर आये पुराने अभ्यर्थियों में से ही साक्षात्कार किये जा रहे हैं जबकि नये और इस एक साल की अवधि में योग्य हुये या उस समय वंचित रह गये अभ्यर्थियों को अवसर न दिए जाने के पीछे इस सरकार और शासन की चाल, चरित्र और चेहरा साफ तौर पर अलग अलग स्वतः ही दिखाई पड़ने लगा है। यहाँ अगर हम विशेषज्ञों की माने तो अपनी रची रचाई बिसात को अमलीजामा पहनाने के लिए ही खेल खेला जा रहा है। दूसरी ओर यह पूरा प्रोसेस और कृत्य ही विवादित नजर आ रहा है।
एक बात और भी उल्लेखनीय है कि इस साक्षात्कार के समय जो अयोग्य हो चुके हैं उन्हे भी साक्षात्कार में नियमों और कानून को बलाए ताक रखते हुये बुला लिया गया है। इससे साफ है कि इनकी मंशा निगम के हित में कितनी वफादारी की है य खोट भरी है? आज हो रहे साक्षात्कार में निदेशक परिचालन के पद पर कुछ अभ्यर्थियों के साठ साल पूरे होने में मात्र एक और डेढ़ साल ही शेष है जिस कारण इन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था क्योंकि योग्य होने के लिए दो साल शेष होना अनिवार्य है।
ज्ञात हो कि आज सचिवालय परिसर से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से यूपीसीएल के एमडी, निदेशक परिचालन एवं पिटकुल के निदेशक वित्त के पदों पर साक्षात्कार होंने हैं। जबकि ऊर्जा के तीनों निगमों में कुछ अन्य निदेशकों सहित एमडी पिटकुल का पद पिछले काफी समय से रिक्त चल रहें हैं। पूर्णकालिक निदेशक अथवा एमडी न होने के परिणाम इन प्रभारियों, ड्यूल चार्ज और एक्सटेंशन पर चल रहे गुल खिलाने में माहिर महारथियों के कारण इन निगमों को नाश से सत्यानाश की ओर तेजी से धकेलते ही जा रहे हैं! वे गर्त में धकेले भी क्यों न उनकी तो मजबूरी भी है जब महालक्ष्मी और देवी जी की कृपा से चार्ज मिला है तो फसल भी तो काटना ही है!
आज हो रहे साक्षात्कारों और में अपने हाथ उजले दिखाने और फिर चहेतों व लाडलों को मक्खन मलाई परोसने के लिए काला जादू का चमत्कार भी आज देखने को मिल सकता है तथा इसकी बिसात भी बडे़ सुनियोजित तरीके से बिछाई जा चुकी है! वैसे तो ये साक्षात्कार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होना बताया जा रहा है परन्तु चलती तो वहाँ भी मैडम की ही है!
एमडी यूपीसीएल –
में 31 जुलाई को आयु अधिबर्षिता के कारण रिक्त हो रहे पद पर नई नियुक्ति के लिए गत बर्ष आये 9 आवेदनों में से शार्टलिस्ट किये गये अभ्यर्थियों को एक दो दिन पूर्व भेजे गये काल लेटर भेजे गये हैं। इस शार्ट नोटिस पर आयोजित साक्षात्कारों के पीछे भी बहुत कुछ छिपा है! वैसे आज यहाँ, “बडे़ वेआवरू होकर निकले तेरे कूचे से…!” का सुर भी सुनने को मिल सकता है!
क्योंकि माननीय उच्च न्यायलय में TSR शासन की गले की हड्डी बना विचाराधीन फर्जी नियुक्ति और ACR प्रकरण का भी दीखेगा असर!
निदेशक परिचालन – इस पद पर मुकाबला सबसे दिलचस्प नजर आ रहा है। क्योंकि सर्वाधिक 14 आवेदन इस मलाईदार पद हेतु आये थे जिनमें से लगभग आधे लोंगो को काल लेटर भेजे गये बताया जा रहा है, परन्तु इस पद की नियुक्ति की इबादत पहले से ही लिखी जा चुकी है। तभी तो किसी को मिल सकती है सल्तनत ईनाम में एवं भ्रष्टाचार में महारथी होने की और काली कमाई से उपजी दरियादिली से भरपूर लाभ! वहीं आज किसी का होगा किला धाराशायी और चटवाई जा सकती है करनी की धूल या फिर वहीं खिलेगा फूल? एक के चक्कर में दोनो ही न चली जायें कहीं दोबारा मिला एमडी पिटकुल का अतिरिक्त दायित्व भी? यदि साहब को नहीं मिली मर्सी तो कैसे कहेंगे जूनियर को SIR और बैठ पायेंगे डीजीएम की कुर्सी पर!
पिटकुल : निदेशक वित्त – के लिए चार आवेदनों का आया जाना बताया जा रहा है जिनमें से एक आवेदक को साक्षात्कार हेतु काल लेटर न भेजे जाने के पीछे कोई बडे़ खेल का खेला जाना बताया जा रहा है क्योंकि उक्त आवेदक की बिजीलेंस जाँच रिपोर्ट दिसम्बर और तत्पश्चात अभी 23 जून 2020 को ही अनु सचिव हनुमंत प्रसाद द्वारा सचिव ऊर्जा को पत्रांक संख्या 129 xxxv/20-39 (20) से प्रेषित की जा चुकी है परन्तु काल लेटर का न भेजा जाना भी संदेहात्मक व षडयंत्र के रूप में प्रतीत हो रहा है।
ज्ञात हो कि 13 जुलाई तक ऊर्जा विभाग द्वारा मीडिया को यह कह कर बहलाया फुसलाता जाता रहा कि अभी इन सभी पदों पर गोपनीय जाँच रिपोर्ट समिति को प्राप्त नहीं हुईं है, उनके आने पर ही जारी होंगे काल लेटर आदि आदि! वैसे तो इस पर आसीन शख्शियत कुछ कम नहीं है हाँलाकि till further order पर चल रही है सत्ता, हाँलाकि महाशय के 60 बर्ष की अवधि पूरी होने में मात्र सात माह ही शेष हैं फिर भी सब जायज और सब सम्भव है, हो सकता है एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन का एक बार और खेल! यही नहीं यहाँ फिर इसी लिए खिलाया जा चुका है गुल तथा साक्षात्कार में जानबूझ कर न बुलाये जाने का खेल इस अभूतपूर्व विशेष समिति द्वारा? सही को गलत और गलत को सही तथा दोषी को निर्दोष व विजीलेंस जाँच से निर्दोष के इग्नोर का खेल भी खिला सकता है 7 माह के लिए गुल!
मजे की बात तो यह भी है कुछ चहेते व लाडले कमाऊ फिर ड्यूल चार्ज पर घात लगाये भी बैठे हैं और कुछ आश्वशत है?
उल्लेखनीय तो यह है कि ऊर्जा के तीनों निगमों जिन पदों पर आज साक्षात्कार हो रहे है वह भी एक साल बाद आज वमुश्किल तमाम परवान चढ़ पाये हैं यही नहीं यूजेवीएन एल व यूपीसीएल में निदेशक एचआर और एमडी पिटकुल का पद भी जनवरी माह से रिक्त ही चल रहा है तथा प्रभारी के रूप में बोझ झेल रहें है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाली TSR सरकार अभी तक ऊर्जा निगमों सहित उरेडा के करोंडों करोंडो के एक नहीं अनेकों घोटालों पर कुछ कर दिखाने में जीरो ही साबित हुई है और घोटालेबाज एवं तथाकथित भ्रष्टाचारी मलाई खाते और खिलाते ही नजर आये हैं!
खैर परिणाम और खेल जो भी हो TSR सरकार और इनके शासन की कार्य प्रणाली यहाँ भी देखने योग्य होगी?