मुझे राजभवन से यहाँ आना पडा़ : राज्यपाल बेवी रानी मौर्य – Polkhol

मुझे राजभवन से यहाँ आना पडा़ : राज्यपाल बेवी रानी मौर्य

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राजधानी में बाँटे मास्क, दिया संदेश

मुझे राजभवन से यहाँ आना पडा़ : राज्यपाल बेवी रानी मौर्य

गरीबी अमीरी में अन्तर रखने वाले सीओ साहब ने जरुरतमंद गरीब को बाहर कर दिया : भेदभाव?

देहरादून। आज दिन में राजधानी दून के घंटाघर पर राजभवन से निकल कर राज्यपाल बेवी रानी मौर्य ने उत्तराखंड की जनता को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए संदेश देते हुये कहा कि मैं प्रदेश की समस्त जनता से अपील करती हूँ कि वे इस महामारी से सजग रहें तथा मास्क, सैनेटाईजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें हीं तो कोरोना से बच नहीं पायेंगे।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आज घंटाघर पर रेडक्रास सोसायटी द्वारा आयोजित एक कार्क्रम में जीपीओ के गेट पर जनता को मास्क, सैनेटाईजर्स आदि बाँटते हुये जनमानस से अपील की। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा व पार्षद पति संतोख नागपाल भी उपस्थित रहे। राज्यपाल महोदया की सराहनीय पहल की जहाँ तारीफ की जाये वहीं उस प्रोटोकाल को हल्का लेने वाले कुछ लोग व अधिकारी व नेताओं की ओर नजर डालें तो छपास और दिखास में ये कार्यक्रम की गरिमा का ध्यान रख पाते!

रेड क्रास सोसायटी के डा.अंसारी ने बताया कि उनकी संस्था जिसकी अध्यक्षा माननीय राज्यपाल महोदया हैं के करकमलों से आज लगभग डेढ़ हजार मास्क आदिवितरित किये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक रेडक्रास सोसायटी पूरे प्रदेश में ढाई लाख मासक आदि वितरित कर चुके हैं।

घंटाघर पर आयोजित उक्त कार्यक्रम में हाँलाकि गम्भीरता उतनी नजर नहीं आई जितनी आनी चाहिए थी और कार्यक्रम के पांडाल में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन  और मास्क का भी ध्यान भी  वहीं एक महिला अधिकारी के द्वारा  स्वयं न किया जाना साथ ही साथ पुलिस का व्यवहार गरीब और आम आदमियों के साथ वैसा ही दिखाई पडा़ जैसे कि प्रजातान्त्रिक देश में नहीं बल्कि हिटलर शाही के बीच प्रोग्राम हो रहा हो!

सम्पन्न ढेरों मास्क ले जाते हुये!

यही नहीं क्षैत्राधिकारी यह भी भूल गये कि कोरोना काल में अमीरी गरीबी नहीं बल्कि मास्क की सभी को जरूरत है और गरीब के लिए ही फ्री वितरण कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है ऐसी दशा में गरीब को पंक्ति से बाहर कर देना क्या उचित था जो शर्ट के अभाव में बनियान में था!

गरीबी अमीरी में अन्तर रखने वाले सीओ साहब ने जरुरतमंद गरीब को बाहर कर दिया। यह भेदभाव उचित नहीं है साहब बल्कि उसे मास्क की जरूरत ज्यादा है ये सम्पन्न लोंग तो सक्षम है जो इक्कठ्ठे इक्कठ्ठे मास्क ले जा रहे हैं।

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