जुब्बल-नावर-कोटखाई में आगजनी के चलते कई हज़ारों की संख्या में सेब और नाशपाती के बाग़ीचे जलकर तबाह हो गए
(वीना पाठक)
शिमला। पिछले कुछ दिनों में जुब्बल-नावर-कोटखाई में आगजनी के चलते कई हज़ारों की संख्या में सेब और नाशपाती के बाग़ीचे जलकर तबाह हो गए जो कि क्षेत्र के प्रभावित बागवानों के लिए दुख:द और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में क्षेत्र के थाना, बड़ोट, रोहटान, कठासू, अस्ताण्दली, और पुजाली नम्बर 4, पुड़ग , हिमरी और घुंडा में हुई आगजनी की घटनाओं से बागवानों को भारी नुक़सान हुआ हैं। तीन महीनें से सूखा पड़ा हैं ऐसे में बागवानों को आग से बचने के लिए जरूरी एहतियात बरतने और प्रशासन विशेषकर अग्निशमन विभाग को भी सतर्क रहने की आवश्यकता हैं।
उन्होंने सेब बाहुलीय क्षेत्रों में आगज़नी की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में तबाह हुए सेब के बाग़ीचो के नुक़सान की भरपाई के लिए सरकार से बाग़वानो को तुरन्त मुआवज़ा देने की मांग की हैं। उन्होंने मनरेगा और बाग़वानी तकनीकी मिशन जैसी सरकारी योजनाओं के तहत प्राथमिकता के आधार पर भूमि सुधार जैसी योजनाओ के अन्तर्गत लाकर सेब के बाग़ीचो को पुर्नस्थापित करने के लिए सरकार से जरूरी पग उठाने की मांग की हैं। आग से प्रभावित बागवानों को पुनर्स्थापित करने के लिए सर्दियों में अनुदान पर सेब के पेड़ आबंटित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि आगज़नी से प्रभावित बाग़वानी क्षेत्रों को सरकार सेब जीर्णोद्धार योजना के तहत लाकर राहत दे।
रोहित ठाकुर ने कहा कि फ़सल बीमा योजना में सेब के बागीचों में आगज़नी से होने वाले नुक़सान की भरपाई बारें संशय बना हुआ हैं। उन्होंने सरकार से स्थिति स्पष्ट कर आगज़नी से प्रभावित बागवानों को फ़सल बीमा के तहत राहत देने की मांग की हैं।