ज्ञान प्राप्त करने के लिए उसे रटने के बजाय आत्मसात करना ज्यादा महत्वपूर्ण – प्रो० एन०के० जोशी
(गुंजन मेहरा)
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में प्रो० राजेंद्र सिंह नैनोटेक्नोलाजी सेंटर को भारत सरकार द्वारा लगातार दो पेटेंट अनुदत्त होने पर नैनोटेक्नोलाजी सेंटर के प्रभारी प्रो० नन्द गोपाल साहू एवं उनके शोध विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के “शोध एवं प्रसार विभाग” द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो० राजेंद्र सिंह नैनोटेक्नोलाजी सेंटर को पहला पेटेंट “ए प्रोसेस ऑफ़ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ़ ग्राफेन” के लिए एवं दूसरा पेटेंट “नेचुरल डिग्रडेशन प्रोडक्ट्स ऑफ़ प्रोमेथाज़ीने कंपाउंड्स” के लिए भारत सरकार पेटेंट अधिनियम 1970 के अनुसार 20 वर्ष के लिए अनुदत्त किया गया है।

नैनोटेक्नोलाजी सेंटर की इस उपलब्धि पर प्रो० साहू एवं शोध छात्रों को सम्मानित करते हुए कुलपति प्रो० एन०के० जोशी ने कहा कि विकास के पथ पर कोई देश तभी आगे बढ़ सकता है जब उसकी आने वाली पीढ़ी के लिये सूचना और ज्ञान आधारित वातावरण बने और उच्च शिक्षा के स्तर पर शोध तथा अनुसंधान के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ाने के लिये विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध है। इस हेतु इनोवेशन एंड इन्क्युबेशन सेंटर भी स्थापित किया गया है, जिसमें विवि के किसी भी संस्थान में अध्ययन कर रहे विद्यार्थी अपने विचार को मूर्त रूप प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें उत्कृष्ट शिक्षकों, बुद्धिजीवियों के करीब रहकर उनसे संवाद करने से कभी हिचकना नहीं चाहिए। इसी के साथ उन्होंने ज्ञान प्राप्त करने के लिए उसे रटने के बजाय आत्मसात करने को महत्वपूर्ण बताया है।
इस दौरान कुलसचिव खेमराज भट्ट, नोडल अफसर प्रो अतुल जोशी, प्रो संजय पंत, परीक्षा नियंत्रक एस सी एस बिष्ट, राजीव उपाध्याय, महेंद्र राणा, विधान चौधरी, पदम् सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।