जिला कल्याण पदाधिकारी श्याम प्रसाद यादव ने बताया कि महालेखाकार के रिपोर्ट में घोटाला का खुलासा हुआ था. इसके पश्चात संबंधित लोगों पर डीएम ने प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए उन्हें निर्देशित किया था. डीएम के निर्देश पर ही कार्रवाई की गई है.
भागलपुर: सृजन घोटाला मामले में एक बार फिर से आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. सृजन घोटाले में तकरीबन 100 करोड़ रुपए की अवैध रूप से निकासी मामले में भागलपुर डीएम से निर्देश मिलते ही जिला कल्याण पदाधिकारी श्याम प्रसाद यादव ने कोतवाली थाना में तीन बैंकों के कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है.
मिली जानकारी अनुसार गबन मामले में बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के वैसे कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है, जो इस घोटाले में शामिल थे. इस संबंध में जिला कल्याण पदाधिकारी श्याम प्रसाद यादव ने बताया कि महालेखाकार के रिपोर्ट में घोटाला का खुलासा हुआ था. इसके पश्चात संबंधित लोगों पर डीएम ने प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए उन्हें निर्देशित किया था.
उन्होंने बताया कि 121 करोड़ 71 लाख 61 हजार रुपये के गबन में पहले दो प्राथमिकी दर्ज हुई थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद महालेखाकार ने वर्ष 2007 से 2017 तक सरकारी राशि की जांच की थी, जिसमें गबन की राशि 221.60 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी थी. इसी क्रम में 100 करोड़ की बची हुई राशि की बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है.
मालूम हो कि सृजन घोटाले के खुलासे के बाद पहली प्राथमिकी 7 अगस्त 2017 को जिला नजारत शाखा में पदस्थापित नाजिर ने दर्ज कराई थी. वहीं, इसके बाद जांच में परत दर परत घोटाले का राज पूरी तरह से खुलने लगा था. इसी क्रम में एजी की ऑडिट रिपोर्ट में तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी रामलला सिंह, राम ईश्वर सिंह, ललन कुमार सिंह और अरुण कुमार के कार्यकाल में घोटाले कि बात कही गई थी.
पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने सीबीआई से पत्र के माध्यम से पूर्व में तिलकामांझी थाना में दर्ज कांड संख्या 555/2017 में शेष राशि 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार रुपये को जोड़कर जांच करने का अनुरोध किया था.