यूपी के बुंदेलखंड को पानी के संकट से मुक्ति दिलाएगा इजरायल वॉटर प्रोजेक्‍ट – Polkhol

यूपी के बुंदेलखंड को पानी के संकट से मुक्ति दिलाएगा इजरायल वॉटर प्रोजेक्‍ट

उत्‍तर प्रदेश (यूपी) देश का सबसे बड़ा राज्‍य और यहां के बुंदलेखंड क्षेत्र में पानी का संकट जगजाहिर है. अब इस संकट को सुलझाने के लिए भारत का वह साथी मदद करने को आगे आया है जो अब तक देश की सुरक्षा में सबसे बड़ा योगदान करता है. इजरायल ने साल 2020 में यूपी के साथ एक बड़ा समझौता किया है.  इस समझौते के बाद बुंदेलखंड के लोगों को पानी की कमी नहीं होगी. इस एग्रीमेंट को इंडिया-इजरायल-बुंदेलखंड वॉटर प्रोजेक्‍ट नाम दिया गया है. इसमें तीन चरण हैं जिनके जरिए मदद मिलेगी. यह प्रोजेक्‍ट उस दिन साइन हुआ था जब इजरायल में इंडिया डे मनाया जा रहा था. प्रोजेक्‍ट के लिए देश के 28 जिलों को चुना गया है जिसमें से उत्‍तर प्रदेश के हैं.

पानी को रि-साइकिल करने में वर्ल्‍ड लीडर

इजरायल को वेस्‍ट वॉटर ट्रीटमेंट में वर्ल्‍ड लीडर माना जाता है. साल 2012 में डैन रीजन वेस्‍ट वॉटर ट्रीटमेंट प्‍लांट को यूनाइटेड नेशंस की तरफ से ग्‍लोबल मॉडल करार दिया गया था. इस प्‍लांट को स्‍थानीय तौर पर शाफदान के तौर पर जानते हैं. शाफदान को प्राकृतिक तौर पर मिली फिल्‍ट्रेशन की क्‍वालिटीज का प्रयोग करने का श्रेय दिया जाता है. साल 2010 में इस प्‍लांट की मदद से इजरायल ले 400 मिलियन क्‍यूबिक मीटर वेस्‍ट वॉटर को ट्रीटमेंट करके फिर से प्रयोग किया था. इसमें से 40 प्रतिशत पानी का प्रयोग कृषि के लिए किया गया था.

कभी इजरायल ने झेला था सूखा

साल 2008 में इजरायल भयंकर सूखे की कगार पर था. एक दशक तक लंबे सूखे ने इजरायल के सबसे बड़े प्राकृतिक ताजे पानी के स्‍त्रोत को खत्‍म कर दिया था. गैलिली के समंदर में भी पानी कम होने लगा था. पानी पर कई तरह की प्रतिबंध लगा दिए गए थे और कई किसानों की एक साल की फसल बर्बाद हो गई थी.

साल 2007 में इजरायल में लो-फ्लो टायॅलेट्स और शॉवर हेड्स लगाए गए. साथ ही एक नेशनल वॉटर अथॉरिटी को लाया गया. साथ ही नए प्रकार के वॉटर ट्रीटमेंट सिस्‍टम्‍स को लाया गया. इन सिस्‍टम की वजह से 86 प्रतिशत तक वह पानी जमीन के नीचे चला जाता था जिसे सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता था. इजरायल दुनिया का अकेला देश है जो इतने बड़े स्‍तर पर सिंचाई के पानी का प्रयोग करता है. स्‍पेन करीब 19 प्रतिशत ऐसे पानी को रि-साइकिल करता है.

दो साल के लिए हुई डील

पहले चरण में झांसी जिले के तहत आने वाले बबीना ब्‍लॉक के 25 गांवों का चयन किया गया है. यह समझौता दो सालों के लिए है और इसे आगे बढ़ाया जाएगा. इस प्रोजेक्‍ट का मकसद बुंदेलखंड के उन क्षेत्रों में पानी के संकट को दूर करना है जो सूखे से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. इस प्रोजेक्‍ट की मदद से किसानों को अत्‍याधुनिक टेक्‍नोलॉजी से रूबरू कराया जाएगा जो पानी की बचत में सहायक होंगी. यूपी सरकार के मुताबिक झांसी में पाहुज बांध को ड्रिप इरीगेशन के लिए तैयार किया जाएगा. इसमें इजरायल के विशेषज्ञों की मदद लेटेस्‍ट टेक्‍नोलॉजी के लिए ली जाएगी.

पीएम मोदी के 2017 दौरे का समझौता

एग्रीमेंट यह डील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2017 के इजरायल दौरे का ही हिस्‍सा है. इस दौरे पर इजरायल की तरफ से पानी संरक्षण के क्षेत्र में मदद का भरोसा दिया गया था. जब प्रधानमंत्री मोदी इजरायल गए थे तो दो बड़े समझौतों पर साइन हुए थे. एक समझौते के तहत जल संरक्षण को आगे बढ़ाना और दूसरे समझौते का मकसद भारत में पानी की उपयोगिता की स्थिति को सुधारना था. साल 2019 में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इजरायल में आयोजित वॉटेक कॉन्‍फ्रेंस में शिरकत की थी। पानी को लेकर दोनों देशों के बीच सहयोग की दिशा में आयोजित यह एक बड़ी कॉन्‍फ्रेंस थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *