(वीना पाठक, शिमला) : शिमला के बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म हत्याकांड के आरोपी चरानी अनिल कुमार उर्फ नीलू को नाहन में महिला के हत्या के प्रयास के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जसवंत सिंह की अदालत ने दोषी ठहराते हुए धारा 307 में उम्रकैद के अलावा 20 हजार रुपये जुर्माना और धारा 354 के तहत दोषी को दो साल का कारावास व 5 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास होगी। मामला 6 सितंबर 2015 का है। पच्छाद के दसाना गांव में रमन की जमीन पर काम करने वाला संजय बहादुर और उसकी मां चंद्रकला जंगल में पशु चराने अलग-अलग निकले। थोड़ी देर बाद गांव के समीप ग्रामीण रामलाल ने संजय बहादुर को उसकी मां के घायल होने की सूचना दी। जब वह घटनास्थल पर पहुंचा तो देखा कि उसकी मां के होंठ, माथे, नाक व गले से खून बह रहा था। दायें हाथ का अंगूठा और अंगुली कटकर अलग हो चुकी थी।
पच्छाद पुलिस ने इस मामले में घायल चंद्रकला के बयान होने के बाद आरोपी अनिल कुमार उर्फ नीलू को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में नीलू ने कबूला कि उसने दराट से हमला किया था। पुलिस तफ्तीश में पाया कि आरोपी ने नशे की हालत में महिला से बीड़ी मांगी। इसी बीच उसने महिला से किसी बहाने दराट मांगा, जिसे उसने थोड़ा दूर फेंक दिया। आरोपी ने उससे छेड़छाड़ की। विरोध करने पर आरोपी ने डंडे से महिला के सिर पर वार किया। इसके बाद दराट से हमला कर जख्मी किया और फरार हो गया। पुलिस ने काटी गई अंगुली और अंगूठे के साथ महिला के बाल और दराट एसएफएल भेजे। डीएनए में महिला के खून के सैंपल से उसकी कटी अंगुली और अंगूठे का मिलान हुआ। हत्या के प्रयास के इस मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जसंवत सिंह की अदालत ने अनिल कुमार उर्फ नीलू पुत्र देशराज निवासी मथान, थाना बैजनाथ (कांगड़ा) को दोषी पाकर उम्रकैद सहित अन्य सजाएं सुनाईं हैं।