ऋषिकेश। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दूसरे चरण में इन दिनों सरकारी स्तर पर कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। भारत सरकार कोविड-19 के लिए टीकाकरण करने की उचित तैयारी में है, इसी के तहत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की ओर से रायवाला क्षेत्र में कम्युनिटी के बीच संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कम्युनिटी संवाद नामक संगोष्ठी में लोगों व संस्थान के चिकित्सकों के मध्य संवाद हुआ,जिसमें शिक्षकों, ग्राम पंचायत के सदस्यों व नागरिकों ने चिकित्सकों से सवाल पूछे। एम्स ऋषिकेश की ओर से शनिवार को कोरोना वायरस टीकाकरण को लेकर जनजागरुकता के उद्देश्य से वृहद संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
बताया गया कि इसके साथ साथ संवाद का उद्देश्य कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के बाबत जानकारी देना था। मां आनंदमयी स्कूल रायवाला में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के ग्राम प्रधान व अन्य प्रतिनिधियों के साथ साथ आम नागरिकों ने एम्स संस्थान के चिकित्सकों से कोविड19 एवं कोरोना वायरस की रोकथाम को जल्द शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान से जुड़े प्रश्नों को पूछा व उनकी शंकाओं का समाधान किया गया।
इस बाबत एम्स ऋषिकेश के द्वारा जनजागरुकता के लिए गठित कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स के नोडल ऑफिसर डॉ. संतोष कुमार एवं उनकी टीम के सदस्यों ने संगोष्ठी में शिरकत कर रहे क्षेत्रवासियों, स्कूली बच्चों, शिक्षकों को कोविड19 वायरस के संक्रमण व इसके बचाव के जरुरी उपायों के साथ साथ कोविड19 की रोकथाम को लेकर शीघ्र शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान की जानकारी दी। कार्यक्रम के तहत प्रश्नकाल में स्थानीय नागरिकों ने मुख्यरूप से कोरोना वायरस टीकाकरण के संबंध में सवाल पूछे। उनका प्रश्न था कि कोरोना वायरस सुरक्षा के लिए सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण क्यों दिया जा रहा है, हैल्थ केयर वर्करों के साथ साथ आम जनता को भी पहले चरण में ही टीके क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं। साथ ही नागरिकों की जिज्ञासा थी कि क्या यह टीका 18 साल से नीचे की आयुवर्ग के बच्चों व किशोरों को भी लगाया जाएगा।
संस्थान के चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि कोविड की वैक्सीन भारत सरकार द्वारा सबसे पहले उन लोगों को दी जा रही है जो लोग कोविड-19 से सीधेतौर पर प्रभावित हो रहे हैं, जिसके तहत प्रथम चरण में हैल्थकेयर वर्करों यानि फ्रंटलाइन वर्करों को कोविड टीकाकरण के लिए चुना गया। लिहाजा कोविड टीकाकरण से कोई भी व्यक्ति आशंकित नहीं हो। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण निपटने के बाद इसका दूसरा चरण शुरू किया जाएगा,जिसमें 50 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के नागरिकों का टीकाकरण होगा। नोडल ऑफिसर डा. संतोष ने उन्हें बताया कि मास्क का उपयोग टीके के साथ भी और टीके के बाद भी, लिहाजा कोई भी व्यक्ति मास्क को लेकर हरगिज लापरवाही नहीं बरते। इस अवसर पर स्वयंसेवी नवीन मोहन ने बताया कि एम्स ऋषिकेश द्वारा बनाए गए मास्क बैंक के तहत अब तक विभिन्न विद्यालयों, मलीन बस्तियों में छात्र-छात्राओं व आम नागरिकों को 25000 से अधिक मास्क वितरित किए जा चुके हैं साथ ही सभी स्वयंसेवक एम्स द्वारा गठित कोविड19 कम्युनिटी टास्क फोर्स का हरसंभव सहयोग कर रहे हैं। इस अवसर पर मां आनंदमयी स्कूल के निदेशक अर्पित, एम्स संस्थान डा. भीमदत्त सेमवाल, डा. नवीन, हिमांशु, पंकज आदि मौजूद थे।