नैनीताल। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता एम सी पन्त व समस्त सविंदा कर्मचारी के प्रतिनिधियों द्वारा बुधवार को होटल पवेलियन में पत्रकार वार्ता की गई। इस दौरान उन्होंने कहा की केंद्र सरकार के द्वारा श्रम कानून में किए गए संशोधन के खिलाफ अब उत्तराखंड में उपनल आउटसोर्सिंग कंपनियों के द्वारा नियुक्त कर्मचारी मुखर होने लगे हैं। जिस पर उन्होंने सरकार के इस फैसले की निंदा की है। साथ ही केंद्र सरकार से श्रम कानून में किए गए बदलाव को वापस लेने की मांग की ।
वही संविदा कर्मचारियों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए कानून की आड़ उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कर्मचारियों का कहना है कि नैनीताल हाईकोर्ट के द्वारा 2018 में आदेश जारी कर विभिन्न आउटसोर्सिंग कंपनियों से टेक्निकल पदों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी लेकिन उसके बावजूद भी राज्य सरकार कर्मचारियों के लिए गलत है और राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार कर्मचारी विरोधी सरकार है क्यों कि उपनल के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न विभागों में नियुक्त कर्मचारियों को प्रति माह ₹9000 वेतन दिया जा रहा है जबकि सरकार से कर्मचारियों के वेतन के नाम पर ₹18000 लिए जाते हैं जो उत्तराखंड में एक बड़ा भ्रष्टाचार है।
पत्रकार वार्ता के दौरान मनोज पन्त, मनोज जोशी, रमेश शर्मा, पूरन भट्ट, कमल पपने, गणेश गोस्वामी, दीपक सनवाल आदि मौजूद रहे।