पहाड़ का लोकप्रिय फल काफल पर्यटकों की जुंबा में मिठास घोल रहा

नैनीताल- इस बार बारिश व बर्फबारी की कमी के चलते। सूर्य की तपिश बढ़ने लगी है। तपिश बढ़ने से पहाड़ में होने वाला काफल मार्च के पहले सप्ताह में ही पककर बाजार में आने लगा है। काफल को ग्रीष्मकालीन फल माना जाता है लेकिन मौसम में होने वाले परिवर्तन से इस बार यह फल एक माह से पहले ही बाजार में बिकने लगा है। जो
स्थानीय लोगों के साथ ही सैलानियो की जुंबा पर अपनी मिठास घोल रहा है।औषधीय गुणों से भरपूर रसीला काफल इस बार भी समय से पहले ही बाजार में आ गया है इसके चलते इसकी कीमत में भी काफी उछाल है।
पिछले कई सालों से भवाली व रातीघाट के जंगलों से काफल का कारोबार करने वाले राजेन्द्र पाल का कहना है कि वह पहली बार मार्च के महीने में काफल बेच रहें हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार काफल की कम पैदावार होने के कारण इसकी कीमतों में भी इजाफा है इस समय काफल की बढ़ती मांग को देखते हुए 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से इसकी बिक्री हो रही है।
शुद्ध पहाड़ी फल होने की वजह से लोग बड़े चाव से इसको खा रहे है।