नैनीताल। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत फील्ड आउटरीच ब्यूरो द्वारा राज्य अतिथि सभागार में आजादी के 75 वीं वर्षगांठ पर “अमृत महोत्सव” पर दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी , परिचर्चा व सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को मुख्य अतिथि विधायक संजीव आर्य व विशिष्ट अतिथि जाने-माने स्वतंत्र सेनानी दुर्गा दत्त रूबाली द्वारा किया गया।
इस दौरान विधायक संजीव आर्य ने कहा कि अमृत का अर्थ संघर्ष के बाद का फल है, और इसलिए हमें आजादी के बाद, अब वर्तमान में अपनी सकारात्मक भूमिका को स्पष्ट रूप से तय कर लेना चाहिए। वहीं स्वतंत्रता सेनानी व अधिवक्ता दुर्गादत्त रूबाली ने कहा कि स्वतंत्रता का महत्व वर्तमान पीढ़ी को समझने की आवश्यकता आज अधिक है।

समारोह में कुमाऊं विश्वविद्यालय के इतिहास की प्रोफेसर सावित्री कैरा ने स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को उत्तराखंड के संदर्भ में विस्तार से बताया जबकि प्रोफेसर ललित तिवारी और जाने-माने सामाजिक- राजनीतिक कार्यकर्ता व कलाकार कमलेंद्र सेमवाल और अनिल घिल्डियाल तथा कलाकार मिथिलेश पांडे ने अपने उद्बोधन में स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। कमलेंद्र सेमवाल ने अपने बांसुरी से राष्ट्रीय गीत पेश किया जबकि मिथिलेश पांडे ने परशुराम के एक प्रसंग को गाकर सुनाया।
इस दौरान एक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े पहलुओं से प्रश्न पूछा गया ,जिसका उत्तर छात्र उपस्थित छात्रों ने दिया और उन्हें इसके लिए पुरस्कृत भी किया गया। पुरस्कार पाने वाले छात्रों में नकुल देव, दीपक, अमित जोशी एवं नवल अर्या शामिल है।