नैनीताल। नैनीताल के खूबसूरत राजभवन को 27 अप्रैल के दिन 123 साल पूरे हो रहे हैं। बात करें राज भवन नैनीताल की तो इसमें ऐतिहासिक कई सारी कहानियां है, आजादी से पहले उस समय के संयुक्त प्रांत की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। नैनीताल स्थित राजभवन स्काटिश शैली में बना है। इस भवन को गवर्नमेंट हाउस के नाम से जाना जाता था। वही आजादी मिलने के बाद गवर्नमेंट हाउस का नाम बदलकर राजभवन कर दिया गया। राज भवन नैनीताल का शिलान्यास 24 अप्रैल को किया गया था यह 2 साल में बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया था। इसकी इमारत गोथिक भवन निर्माण शिल्प के आधार पर यूरोपियन शैली में निर्मित है। नैनीताल राजभवन के डिजाइन , आर्किटेक्ट स्टीव्नस, और अधिशासी अभियंता एस ओ डब्लू थे।
पूरे निर्माण कार्य में स्थानीय पत्थरों का प्रयोग करके इस इमारत को बनाया गया है। ब्रिटिश काल में कुछ महत्वपूर्ण व्यक्ति जो सभी संयुक्त प्रांत के गवर्नर थे वह इस इमारत में रह चुके हैं। वही स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल सरोजनी नायडू ऐतिहासिक इमारत की प्रथम आवासी बनी राजभवन परिसर के चारों ओर 160 एकड़ में बना जंगल है। जबकि 1975 में 75 एकड़ क्षेत्रफल में गोल्फ मैदान बनाया गया में राजभवन की सुंदरता को देखते हुए आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया यह भवन 1900 में बनकर तैयार हुआ मुंबई में बने ऐतिहासिक छत्रपति शिवाजी टर्मिनल की डिजाइन करने वाले चर्चित डिजाइनर फैब्रिक विलियन स्टीवन नहीं नैनीताल राजभवन का डिजाइन तैयार किया था 115 कमरों का दो मंजिला भवन है।

राजभवन में 45 एकड़ क्षेत्रफल में फैला अपना एक गोल प्रोसेस गोल्फ कोर्स 1936 में बनाया गया था भारत के प्राचीनतम गोल्फ कोर्स में नैनीताल राज भवन का गोल कोर्स भी शामिल होता है पर्यटक यहां ज्यादा से ज्यादा आता है क्योंकि उन्हें गोल्फ ग्राउंड में खेलने को मिलता है वह इस क्षेत्र में एक जगह मशहूर सुल्ताना डाकू की गुफा भी है नैनीताल के स्थित राजभवन में सुल्ताना डाकू की गुफा को देखने के लिए काफी लोग आते हैं