देहरादून। एक तरफ कोरोना का बढ़ता प्रकोप और दूसरी ओर सरकार की व्यवस्थायें खोखली। वाहवाही लूटने के लिए प्रचार प्रसार में जिस तरह की तेजी केन्द्र व राज्य सरकारें दिखाती नजर आ रही थी उनकी पोल पट्टी सरकार की ही बिना होमवर्क और पूर्व तैयारी के स्वतः ही खुलती नजर आ रही है। यही नहीं इसके पंजीकरण हेतु आनलाईन पोर्टल और बेव साईट भी ठीक प्रकार से काम नहीं कर रही है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा अनूप डिमरी के अनुसार अभी उनके पास कोई शिडयूल नहीं आया है उन्होंने बताया कि कहा नहीं जा सकता कि कितना समय लगेगा। असमंजस की स्थिति को स्वीकारते हुये उनका मानना है कि अभी पोर्टल भी ठीक काम नहीं कर रहा है तथा टीम इसमें लगी हुई है।
ज्ञात हो कि उत्तराखंड सहित तमाम राज्यों में कल एक मई से 18 वर्ष से 45 वर्ष की आयु वालों के कोरोना वैक्सीन प्रारम्भ होना था। वैक्सीन लगवाने के लिए आनलाईन पंजीकरण अनिवार्यता की भी व्यवस्था की गयी थी, और इस वर्ग के लाखों युवाओं और युवतियों द्वारा कोवैक्सीन के लिए पंजीकरण भी करा दिया गया परंतु मुद्दई सुस्त और गबाह चुस्त की कहावत की तरह प्रदेश की सरकारी व्यवस्था यहाँ भी शुरूआती दौर से ही चरमराती नजर आ रही है और कोरोना संक्रमण से भयभीत जनता भी असमंजस में आ गयी है।
उत्तराखंड शासन और जिले के अधिकारियों तथा स्वास्थ विभाग के अधिकारी अभी इस सम्बंध में कुछ भी स्पष्ट रूप से बोलने से कतराते नजर आ रहे हैं।
सूत्रों की अगर यहाँ माने तो अभी लगभग एक सप्ताह का इतंजार करना पड़ सकता है।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
देहरादून- उत्तराखंड में कोविड-19 संबंधित व्यवस्थाओं के बारे में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जानकारी दी कि पिछले कई दिनों से लगातार सरकार द्वारा ऑक्सीजन बेड के लिए इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने यह भी बताया कि प्रदेश में 18 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु के लोगों को कोविड वैक्सीन हेतु 122108 डोज कोविशील्ड एवं 42 हजार 370 डोज कोवैक्सीन की आपूर्ति जल्द भारत सरकार द्वारा की जाएगी। हम वैक्सीन की निर्माता कम्पनियों से लगातार सम्पर्क में हैं। उन्हें डिमांड भी दे दी गई है। हम भारत सरकार से भी सम्पर्क में हैं। प्रदेश में 18 साल से 45 आयु के लोगों का वैक्सीनेशन की निश्चित डेट बताना अभी मुश्किल है, परंतु यह एक सप्ताह बाद ही शुरू हो पाएगा।
सचिव अमित नेगी ने यह भी जानकारी दी कि सरकार द्वारा को आम जनता तक पहुंचाने के लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है जिसको कंट्रोल रूम के माध्यम से लगातार मॉनिटर भी किया जा रहा है। इसके साथ ही अमित नेगी ने बताया कि ईसंजीवनी पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को लाभ दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, एम्स एवं सेवानिवृत्त चिकित्सकों से भी मदद ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि कोविड हेल्पलाइन 104 पर रोजाना 2000 फोन को प्राप्त किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के सामने चुनौतियां बहुत हैं लेकिन ऑक्सिजन सपोर्टेड बेड लगातार बढ़ाए जा रहे हैं । उन्होंने यह भी बताया कि दवाओं एवं मेडिकल इक्विपमेंट्स की कालाबाजारी रोकने हेतु शासन और पुलिस के स्तर पर नोडल अधिकारीयों की तैनाती की गई है।