ग्यारह माह से बिना वेतन सेवा दे रहीं अध्यापिका ने जबरन सेवा समाप्ति का लगाया आरोप – Polkhol

ग्यारह माह से बिना वेतन सेवा दे रहीं अध्यापिका ने जबरन सेवा समाप्ति का लगाया आरोप

नैनीताल। नैनीताल के प्रतिष्ठित स्कूल में बीते पांच वर्षों से कार्य कर रहीं एक अध्यापिका को उसके सस्थान से नोटिस जारी किए बिना ही निकाला जा रहा है। जिस पर अध्यापिका ने सस्थान पर आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र लिखकर डीएम व पुलिस से कार्रवाई मांग की है। अध्यापिका ने बताया कि सस्थान द्वारा उसका उत्पीड़न किया जा रहा है वही बीते ग्यारह महीनों से उसे वेतन भी नहीं दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एक अध्यापिका चन्द्रकला बीते वर्ष 2016 से स्नोव्यू स्थित राधा चिल्ड्रन एकेडमी आईटी की अध्यापिका के रूप में सेवा दे रहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा बीते 28 अप्रैल को स्कूल द्वारा उन्हें बिना नोटिस जारी किए बिना ही निकाल दिया गया। जिसके बारे में उन्हें सस्थान द्वारा फोन कर सूचित किया गया। जब उनके ग्यारह माह से वेतन न मिलने की बात की गई तो स्कूल प्रबंधन ने उन्हें स्कूल आने को कहा और अध्यापिका स्कूल आने पर प्रबंधन ने उनसे बात करने से इंकार कर दिया और क्लर्क से वार्ता करने को कहा गया। अध्यापिका ने ग्यारह माह का वेतन दिए जाने की बात कही तो स्कूल प्रबंधन ने पूरा वेतन देने से इंकार कर दिया।

अध्यापिका ने बताया कि उन्होंने इससे पहले भी वेतन दिए जाने की मांग की थी और कहा था कि वह बिना वेतन के एक वर्ष से अधिक और कार्य नही कर सकती हैं। अध्यापिका ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें मानसिक रुप से प्रताड़ित किया गया है। कहा कि वेतन की मांग करने पर भी उन्हें पर उत्पीड़न किया गया।

अध्यापिका ने डीएम धीराज गर्ब्याल, सीईओ केके गुप्ता व मल्लीताल कोतवाली अशोक कुमार से मामले में कर्रवाई की मांग की है।

वहीं स्कूल के प्रबंधक रिंकू साह ने बताया कि अध्यापिका द्वारा विद्यार्थियों को बिन वेतन के ऑनलाइन पढ़ाने में आपत्ति जताई गई थी जिस पर उनकी सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया। जबकि कोरोना काल में किसी भी विद्यार्थी से शुल्क नही लिया जा रहा है। वर्तमान हालातो को देखते हुए एक साथ वेतन देना असंभव है।

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