नैनीताल। वर्तमान में राज्य प्राधिकरण द्वारा एम्बुलेंसों का किराया तय न होने के कारण जनपद नैनीताल हेतु एम्बुलेंस का किराया निर्धारित करने के लिए संभागीय परिहवन अधिकारी द्वारा जनपद के निजी एम्बुलेंस चालकों एवं वाहन स्वामियों व उनके प्रतिनिधियों से वार्ता की। निजी एम्बुलेंस स्वामियों से हुई वार्ता एवं बाजार दशा के आधार पर संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव एवं आख्या के आधार पर आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एम्बुलेंस की किराया दरों का निर्धारण किया गया है। यह दरें शासन/राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा एम्बुलेंस की किराया दरें निर्धारित किये जाने तक जनपद नैनीताल के लिए प्रभावी रहेंगी।
जानकारी देते हुए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि कार्डिएक एम्बुलेंस हेतु 15 किलोमीटर की परिधि तक न्यूनतम किराया 3000 रूपये मात्र वाहन मय चालक तथा 4000 रूपये नर्सिंग स्टाफ के साथ व 6000 रूपये डाॅक्टर के साथ निर्धारित करने के साथ ही 15 किलो मीटर से अधिक दूरी हेतु प्रत्येक अतिरिक्त किमी या उसके भाग के लिए 45 रूपये प्रति किमी नर्सिंग स्टाफ के साथ व 50 रूपये प्रति किमी डाॅक्टर के साथ निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ बुनियादी एम्बुलेंस (गैर एसी) का 15 किलो मीटर की परिधि का एक तरफा छोड़ने (अवधि- एक घण्टे) का न्यूनतम किराया 800 रूपये निर्धारित किया गया है तथा एक घण्टे के पश्चात 200 रूपये प्रति घण्टा प्रतीक्षा भाड़ा व 15 किलोमीटर से अधिक दूरी हेतु 18 रूपये प्रति किमी या उसके भाग के लिए निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ बुनियादी एम्बुलेंस (एसी) का 15 किलो मीटर की परिधि का एक तरफा छोड़ने (अवधि- एक घण्टे) का न्यूनतम किराया 1200 रूपये निर्धारित किया गया है तथा एक घण्टे के पश्चात 250 रूपये प्रति घण्टा प्रतीक्षा भाड़ा व 15 किलोमीटर से अधिक दूरी हेतु 20 रूपये प्रति किमी या उसके भाग के लिए निर्धारित किया गया है।
उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद नैनीताल के अन्तर्गत समस्त एम्बुलेंस चालक दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित करें तथा निर्धारित दरों के अनुसार ही मरीज या उपभोक्ता को रशीद भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उल्लंघन की स्थिति में सम्बन्धितों के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005, कोविड-19 रेगुलेशन एक्ट-2020, महामारी रोग अधिनियम-1897, भारतीय दण्ड संहिता व अन्य अधिनियमों की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।