जयपुर। कोरोना वैक्सीनेशन के मुद्दे को लेकर लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेर रही राजस्थान सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। कोरोना वैक्सीनेशन की एक देश एक कीमत मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य के महाधिवक्ता, वित्त व चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रस्ताव तैयार करने में जुटे हैं। राज्य सरकार शुरू से ही आरोप लगाती रही है कि जो वैक्सीन केंद्र सरकार को 150 रुपये में मिल रही है, वही राज्यों को 300 रुपये में दी जा रही है। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि सीरम इंस्टीट्यृट से खरीदी गई वैक्सीन पर केंद्र सरकार पांच प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है। हर डोज पर केंद्र सरकार 15 रुपये का टैक्स ले रही है। राज्य सरकार ने 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों को टीका लगाने के लिए 3.75 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर दिया।
खाचरियावास का कहना है कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट तक जा सकती है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीएम गहलोत ने कहा था कि अच्छा होता केंद्र सरकार ग्लोबल टेंडर निकालती और राज्यों को योजनाबद्ध वैक्सीन उपलब्ध करवाती, क्योंकि संपूर्ण वैक्सीनेशन से ही कोरोना की तीसरी लहर से बचा जा सकता है। देश के 11 राज्य वैक्सीन खरीदने को लेकर अलग-अलग टेंडर निकाल चुके हैं। इससे राज्यों को अलग-अलग कीमत पर वैक्सीन मिलेगी। अच्छा यह होता कि केंद्र सरकार ग्लोबल टेंडर निकालकर वैक्सीन खरीदती। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार से फ्री वैक्सीनेशन की मांग की गई थी, वह नहीं मानी गई। उल्लेखनीय है कि वैक्सीनशन में एक देश एक कीमत की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी। वहीं, प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है।