– अवैध भारी वसूली की वापसी करा, पहुँचाई जायेगी दुखी पीडितों को राहत!
– घोषित बेड की संख्या से कहीं अधिक बेड रख, जारी है हेराफेरी!
(ब्यूरो चीफ सुनील गुप्ता की खास पड़ताल)
देहरादून। वैसे तो हम सदैव ही अस्पतालों और डाक्टरों को धरती का भगवान ही समझते आये हैं और यह हकीकत भी रही है कि डाक्टर, वैद्य व हकीमों ने बीमार और बीमारी में संजीवनी की भूमिका निभाई है किन्तु जब से फाईव स्टार और सुपर स्पेशियलिटी की कल्चर ने इस सेवा भाव व जीवन बचाने वाले हुनर में पदार्पण किया और इसे प्रोफेशनल टच दिया तभी से भटकाव और द्विगभ्रम ने पाँव पसारने शुरु कर दिये। अधिकांश ऊँची ऊँची डिग्रीधारी डाक्टर चाँदी की चकाचौंध में अपने मिशन को भूल बैठे। यही नहीं इनकी धनलोलुपसा इतनी बढ़ गयी कि केवल और केवल पैसा कमाने की होड़ और किसी कपडे़ व ज्वेलरी के शोरूम और फाईवस्टार होटल की तरह बडे़ बडे़ अस्पताल बनाने की लालसा में पिछले बीस वर्षों में अधिक दिखाई पड़ रही। शायद यही बजह रही है कि यह ब्हाईट कालर वाला सम्मानजनक जाॅब अपनी छवि खोने लगा और लोंगो के मन में भाव बदलने लगे। इस धुंधँली होती जा रही छवि पर इन्हें स्वयं चिन्तन व मनन लाजमी हो गया है। वैसे तो इससे पूर्व हमारे द्वारा दून के मार्क हेल्थ हस्पिटल और कैलाश हास्पिटल के बारे में समाचार प्रकाशित किये जा चुके हैं।
मजबूरी मान कर इन्हीं धरती का भगवानों और इनके अस्पतालों द्वारा आज जो खेल खेला जा रहा है उसकीछ पड़ताल में नित्य एक नया मामला रक्तबीज की तरह सामने आ रहा है।
ऐसा ही एक और मामला प्रकाश में आया है जिसके अनुसार राजधानी दून सहित प्रदेश के उन सभी निजी अस्पतालों और एम्स की गहनता से जाँच की जाये कि उन्होंने गत वर्ष और इस वर्ष कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ कोविड के किये गये ईलाज पर वसूले गयी रकम और समस्त बिलों की हकीकत परखी जाये तभी स्वतः ही इनमें से अधिकांश की कलई खुल जायेंगी और धरती के भगवान रूपी डाक्टरों का असल चेहरा सामने आ जायेगा! यही नहीं फिर जो सच सामने आयेगा वह होगा गम्भीर कार्यवाही व लूट खसोट सहित अनेकों घोटाले और घालमेल का बिषय।
ज्ञात हो कि ये वेधड़क, वेखौफ अनावश्यक व अवैध कमाई करने वाले अस्पतालों के द्वारा सीएमओ के आदेशों और निर्देशों को भी कोई तबज्जो नहीं दी जाती है तथा ऊँची पहुँच और राजनैतिक संरक्षण के चलते ठेंगा दिखा दिया जाता है, वहीं पुलिस सीएमओ की रिपोर्ट व डीएम के आदेशों की प्रतीक्षा में ही वाट जोहती रहती है।
सूत्रों की अगर यहाँ माने तो राजधानी दून के निजी अस्पतालों व एम्स सहित सरकारी अस्पतालों में ‘बेड फुल’ का जो खेल बडी़ चालाकी से खेल शासन और आरामगाह में बैठ हुक्म चलाने वाले आला अधिकारियों और भाषणबाजी में पारंगत सत्ताधीशों को जो ठेंगा दिखाया गया और काफी बडी़ मात्रा में अवैध काली कमाई और लूटखसोट का जरिया अप्रत्यक्ष दलालों और कमीशन ऐजेन्टों के माध्यम बनाकर मजबूरी का अनुचित लाभ उठाया गया वह भी गम्भीर कार्यवाही का बिषय है! बताया जा रहा है कि बेड खाली होते हुये भी अस्पताल के गेट पर ही ‘बेड फुल’ का नाटक और चक्रब्यूह शुरू हो जाता है जिसे दलाल व सुविधा शुल्क के माध्यम से तोडा़ जा सकता है!
उल्लेखनीय तो यह भी है कि क्लीनिकल स्टेबलिशमेंट एक्ट और शासनादेशों की भी धज्जियाँ जम कर उडा़ई गयीं। NON NABL और NABLकोविड अधिकृत और अनाधिकृत निजी हेल्थ केयर हास्पिटल व अस्पतालों द्वारा छःहजार और बारह हजार प्रतिदिन (inclusiv all) की जगह 30 से 70 हजार रुपये प्रतिदिन तक की रकम अवैध व अनुचित रूप से वसूली गयी। र्वैसे तो पूरे प्रदेश में कुछ अस्पतालों को छोड़कर अधिकांश के द्वारा ऐसे गैरकानूनी दुष्कृत्यों को अंजाम दिया गया है। जिन अस्पतालों पर अधिक उँगलियाँ उठ रहीं है और शिकायते सामने आ रहीं है उनमें कैलाश, मार्क हेल्थकेयर, पारस दून, वेलमेड, केशव आरोग्य धाम, सिनर्जी, महन्त एवं अरिहन्त के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं। गम्भीरता भरा तथ्य तो यह भी है कि बीमारी कुछ और इलाज व दबाईयाँ कुछ तथा बिलों सहित अनावश्यक चार्जेज की भरमार रही है और साथ ही लूटखसोट जारी रखने के लिए अनावश्यक रूप से मरीजों को कई – कई दिनों तक हेल्डअप भी रखा गया तथा उनकी हालत को बद से बदतर की स्थिति में लाकर मौत के मुँह में नेग्लीजेंसी के साथ झोंक दिया जाता है।
परिजनों और तीमारदारों को गुमराह व भयभीत करके उनसे अनुचित धन की वसूली की गई रकम की वापसी में भी नियम बौने साबित हो रहे हैं।
मजे की बात तो यह भी इन अस्पतालों में बेड की संख्या की सच्चाई से परे आँकडे़बाजी की बाजीगरी भी की गयी तथा सरकार को राजस्व की क्षति भी पहुँचाई जा चुकी है।
देखना यहाँ गौरतलब होगा कि टीएस आर -2 और उनके आलाअधिकारी इस गम्भीर और सरकार की छवि बिगाड़ने वाले दुष्कृत्यों पर क्या रुख अपनाते हैं या फिर इनके आगे डीएम और सीएमओ दून की तरह नतमस्तक रहने का सहानुभूति भरा रवैया ही अपनाते हैं!