चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने महानिदेशालय के खिलाफ खोला मोर्चा

देहरादून। आज चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड ने भी अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है कर्मचारियों को उद्यान विभाग के माली की भांति हाई स्कूल से कम कर्मचारियों को टेक्निकल घोषित किया जाना, लेब सहायक, डार्करूम सहायक, ओ टी, सहायक, ड्रेसर, के पदों पर हाई स्कूल, इंटरमीडिएट कर्मियों को 50प्रतिशत कोटे के तहत इन पदों पर पदोन्नति,नर्सेस संवर्ग की भांति मरीजो के संपर्क में रहने पर पोष्टिक आहारचिकित्सालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी दिया जाए, पुलिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भांति एक माह का मानदेय, जोखिम देने की मांग की।

प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा महामन्त्री सुनील अधिकारी और उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा प्रदेश प्रवक्ता शिवनारायण सिंह ने कहा कि संघ की तीन बार वार्ता होने के बाद भी आज तक कर्मियों की मांगों पर कोई भी ठोस कार्यवाही होने के कारण शासन से फाइल वापस आ रही है50प्रतिशत पदोन्नति पर समझौता होने के बाद भी25 प्रतिशत कर भेज दिया गया जिस पर संघ को घोर आपत्ति है हाई स्कूल से कम वाले कर्मियों को उद्यान विभाग में माली को टेक्निकल घोषित कर उद्यान सहायक बना अगला ग्रैड वेतन 4200 दे दिया गया है स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का कार्य बेहद रिस्की, टेक्निकल होने के बावजूद आज तक भी टेक्निकल करने की कोई भी प्रक्रिया शुरू नही की गई है जिससे कर्मियों में आक्रोश है।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पंत, संयुक्त सचिव रविन्द्र सिंह,ऑडिटर महेश कुमार उपाध्यक्ष दीपक धवन ने कहा कि कर्मियों का कार्य नर्सेस संवर्ग की भांति मरीजो के संपर्क में रहने का है नर्सेस संवर्ग को पोष्टिक आहार भत्ता दिया जाता है चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को नही दिया जाता है दिया जाना न्यायोचित होगा, पुलिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को एक माह का मानदेय दिया जाता है द्वितीय शनिवार और रविवार को कार्य करने के बदले जबकि स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मी राष्ट्रीय अवकाश, होली, दिवाली, द्वितीय शनिवार, रविवार, और अन्य जितने भी राजकीय अवकाश होते हैं उनका उपभोग नही करते तो उन्हें भी एक माह का मानदेय दिया जाना न्यायोचित होगा, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की ड्यूटी जोखिम भरी है इसलिये10 लाख जोखिम भत्ता दिया जाना न्यायोचित होगा।

प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा प्रदेश प्रवक्ता शिवनारायण सिंह ने कहा कि13 जुलाई तक कोई भी ठोस कार्यवाही न होने की दशा में14 जुलाई से आंदोलन प्रारम्भ हो जाएगा।
आंदोलन कार्यक्रम :-
1-14 जुलाई से19 जुलाई तक प्रदेश के समस्त कर्मचारी अपनी ड्यूटी करते हुए काली फीती बांधकर विरोध पर्दशन करेंगे।
2-20 जुलाई से 324 जुलाई तक सभी प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी जनपद स्तर पर माननीय जनप्रतिनिधियों और जनपद में आने वाले माननीय मंत्रीगणों को ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा से अवगत कराते हुए पदोन्नति ओर अन्य मांगों के लिए महानिदेशक को पत्र लिखवाएंगे।
3-26 जुलाई और27 जुलाई को प्रदेश के समस्त कर्मचारी उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर कर सी एम ओ कार्यालय और चिकित्सालयों में 2 घंटे का कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए करेंगे।
4-29 जुलाई को प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मी कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए महानिदेशालय देहरादून,कुलसचिव आयूर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला, निदेशक होमियोपैथी, आयूर्वेद का घेराव/धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
5-30 जुलाई से जब तक कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण न होने की दशा में कर्मचारी अपनी ड्यूटी बिना अन्न ग्रहण किये बिना कोविड चिकित्सालय, जिला चिकित्सालयों, कार्यालयों में करेंगे अगर किसी भी कर्मचारी को इस दौरान कोई भी जनहानि होने की दशा में समस्त उत्तरदायित्व महानिदेशालय देहरादून का होगा। इसकी सूचना महानिदेशक, निदेशक, आयुर्वेद, होमियोपैथी, कुलसचिव आयूर्वेद विश्वविद्यालय को दे दी गई है।

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