उत्तराखंड : चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ कल 14 जुलाई से प्रदेश व्यापी आंदोलन

चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ आंदोलन

देहरादून। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड कल 14 जुलाई से प्रदेश व्यापी आंदोलन के प्रथम चरण में 14 जुलाई से19 जुलाई को अपने कार्यालय और चिकित्सालयों में काली फीती बांधकर अपना कार्य करते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा प्रदेश उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा महामन्त्री सुनील अधिकारी प्रदेश प्रवक्ता शिवनारायण सिंह ने बताया कि अभी तक किसी भी विभागाध्यक्ष महानिदेशक, कुलसचिव, निदेशक की और से वार्ता या किसी भी तरह से मांगो पर कोई ठोस कार्यवाही न होने से प्रदेश के समस्त कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है चिकित्सा स्वास्थ्य, आयुर्वेद, के कर्मचारियों ने कोरोना महामारी में अग्रिम पंक्ति में रहकर जान व परिवार की परवाह किए बिना कोरोना रोगियों की सेवा की जिसका फल इस तरह प्राप्त हो रहा है इस तरह तो लगता है कि हमारे विभागीय अधिकारी हमें पदोन्नति देना ही नहीं चाहते जो कि पूर्ण रूप से हिटलर शाही रवैया है।

प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पंत संयुक्त मंत्री रविन्द्र सिंह ऑडिटर महेश कुमार ने कहा कि एक ही प्रदेश में दो व्यवस्थाएँ है वन विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को वन आरक्षी में पदोन्नति दे दी गयी, पशुपालन विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को वेक्सीनेटर पद पर पदोन्नति दे दी गई, किन्तु स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को लेब सहायक, डार्करूम सहायक, ड्रेसर, ओ टी सहायक, में समझौते अनुसार50प्रतिशत का कोटा करने में परेशानी है जबकि पशुपालन विभाग में100प्रतिशत पदोन्नति कर दी गयी है
किन्तु हमारे साथ अन्यायपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की पदोन्नति जो कर्मचारी हाई स्कूल से कम है उनकी पदोन्नति हो ही नही पाती है जिस पद नियुक्त होते हैं वहीं सेवानिवृत्त हो जाते हैं स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का कार्य अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मियों से भिन्न एवं टेक्निकल है जब प्रदेश के उद्यान विभाग के माली को टेक्निकल कर अगला ग्रैड वेतन 4200 दिया जा सकता है तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को क्यों नहीं,
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा महामन्त्री सुनील अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की नर्सेस को मरीजों के संपर्क में रहने के कारण पोष्टिक आहार भत्ता दिया जाता है किंतु चतुर्थ श्रेणी कर्मी जो मरीज के आने से लेकर उसकी पट्टी, एक्सरे, रक्त नमूना, उसको बिस्तर पर लेटाने तक का कार्य करता है उसको आज तक पोष्टिक आहार भत्ता नही दिया गया है, पुलिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को द्वितीय शनिवार, रविवार के बदले कार्य करने के एक माह का मानदेय दिया जाता है जबकि चिकित्सालयों के कर्मचारियों को 15 अगस्त, 26 जनवरी, 02 अक्टूबर, होली, दिवाली, और अन्य किसी भी राजकीय अवकाश का उपभोग नही करते हैं तो उन्हें एक माह का मानदेय दिया जाना न्यायोचित होगा, चिकित्सालयों के कर्मचारियों को कार्य करते हुए जोखिम बना रहता है।

इसलिये अगर ड्यूटी के दौरान कोई घटना घटित होने पर10 लाख का जोखिम भत्ता दिया जाना भी हितकर होगा।माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी, सचिव स्वास्थ्य से अनुरोध है कि शासन के आदेश के बाद भी चतुर्थ श्रेणी कर्मियो के पदोन्नति नही हो रही है जो कि बहुत बड़ी विडंबना है पदोन्नति करवाने और टेक्निकल कराने हेतु अपने स्तर से आदेश की अपेक्षा की।

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