लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस संक्रमण काल में अपने माता-पिता को गंवा चुके बच्चों से किया वादा निभा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के साथ ही इनकी शिक्ष-दीक्षा तथा विवाह तक का जिम्मा लिया है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कार्यक्रम के तहत सरकार इन बच्चों को शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार देगी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की योजना का लाभ कोरोना की वजह से निराश्रित-लावारिस हुए बच्चों को लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार की दीर्घकालिक योजना निराश्रित हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के लिए है। लोक भवन में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ आनंदीबेन पटेल करेंगी। कार्यक्रम में मंत्री स्वाती सिंह भी मौजूद रहेंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाल सेवा योजना का शुभारंभ गुरुवार को दोपहर 12 बजे लोकभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। 18 वर्ष की आयु तक के जिन बच्चों के माता-पिता या दोनों की कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई है, उन्हेंं इस योजना के तहत चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की निश्शुल्क शिक्षा अटल आवासीय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कराई जाएगी। प्रदेश सरकार ऐसी अनाथ बालिकाओं के विवाह योग्य होने पर उनकी शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये उपलब्ध कराएगी। वहीं, कक्षा नौ या इससे ऊपर की कक्षा में या व्यावसायिक कोर्स कर रहे 18 वर्ष आयु तक के ऐसे बच्चों को टैबलेट या लैपटाप भी दिया जाएगा।
राज्य में इस योजना के तहत 4050 बच्चों लाभ मिलेगा। प्रदेश में 240 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई। वहीं, 3810 ऐसे बच्चे हैं, जिनके माता-पिता में से किसी एक की कोरोना की वजह से मौत हुई है। एक से 18 साल के बच्चे, जिनके माता या पिता या दोनों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई है, उन्हेंं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चार हजार रु हर महीने की आर्थिकमदद मिलेगी। इसके अलावा 11 से 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चों को अटल आवासीय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फ्री शिक्षा दी जाएगी।