नैनीताल। नॉर्वे के राजदूत हंस जैकब फ्राइडेनलैंड इन दिनों अपने परिवार सहित सरोवर नगरी की खूबसूरत वादियों को निहारने पहुंचे हुए हैं। और उन्हें जब बलियानाला भूस्खलन के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने बलियानाला देखने की इच्छा जाहिर की और गुरुवार को बलियानाले का रईस होटल के पास से निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने नैनी झील में नौकायन किया और मां नैना देवी मंदिर में मां के दर्शन भी किए, उन्होंने कहा ग्लोबल वॉर्मिंग शोध को लेकर भारत व नॉर्वे एक दूसरे के मददगार हो सकते हैं, क्योंकि जलवायु के लिहाज है भारत व नॉर्वे एक दूसरे पूरक हैं। भारत जितना गर्म है, नॉर्वे उतना ही ठंडा है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा है, जिसका प्रभाव समूचे विश्व पर पड़ रहा है। मौसम परिवर्तन के कारण आये दिन कही न कही आपदाऐं घटित होते रहती है। वैश्विक स्तर पर तापमान निरन्तर बढ़ते जा रहा है। जिसके चलते आंधी ,तूफान , बाढ़ के अलावा ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। आने वाले समय में इस तरह की आपदाएं ना बड़े, इसके लिए अभी से सार्थक कदम उठाने की जरूरत है। इस दिशा में भारत व नॉर्वे एक दूसरे को अपने देश के मौसम सम्बंधित आंकड़े देकर जलवायु में आ रहे परिवर्तन पर नजर रख सकते हैं और भावी योजनाएं बना सकते हैं। उन्होंने तकनीक को लेकर कहा कि आईटी के क्षेत्र में नॉर्वे काफी है। जिसे वह भारत के साथ बाटना चाहेंगे।

नैनीताल को लेकर कहा कि यह खूबसूरत हिल स्टेशन है। हर कोई यंहा आना चाहेगा। उन्होंने नैनीताल के बारे में सुना था जिस कारण वह यंहा घूमने चले आये। बलिया नाला निरीक्षण के दौरान राजदूत के साथ डीएसबी के भूगर्भीय वैज्ञानिक सीसी पंत के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।