चंडीगढ़ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछले तीन दिनों से दिल्ली में सक्रिय हैं। इससे पंजाब की सियासत में हलचल बढ़ गई है। कैप्टन अमरिंदर ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। कैप्टन की दिल्ली में सक्रियता से पंजाब में उनके अगले कदम को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने (कांग्रेस नेतृत्व) ने मुझ़े अपमानित किया। मैं कांग्रेस छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि अब अपमान सहन नहीं होता है। इसके साथ ही उन्होंने अभी भाजपा सहित किसी भी पार्टी में शामिल होने से इन्कार किया। उन्होंने साफ कहा कि वह भाजपा में नहीं जा रहे हैं। इस तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने की अटकलों पर एक तरह से मुहर लगती दिख रही है।
इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह बृहस्पतिवार को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के आवास पर पहुंचे। दोनों के बीच बातचीत के बाद कयासबाजी का बाजार गर्म हो गया। बताया जाता है कि कैप्टन अमरिंदर ने डोभाल काे सीमा पार से पाकिस्तान की ओर से पंजाब की सुरक्षा के लिए पैदा हो रही चुनौतियों व खतरे के बारे में अवगत कराया। उन्होंने डोभाल से इस बारे में कारगर कदम उठाने का भी अनुरोध किया।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद पंजाब की राजनीति में तूफान सा आ गया था। कैप्टन अमरिंदर ने अमित शाह से 45 मिनट की मुलाकात के बाद ट्वीट कर जानकारी दी की कि उनकी केंद्रीय गृहमंत्री से किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने अमित शाह से तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत निरस्त करके संकट को हल करने का आग्रह किया था।
पंजाब कांग्रेस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के अचानक इस्तीफे से हंगामे के बीच हुई इस मुलाकात से पंजाब की राजनीति गर्मा गई और इस तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल हो सकते हैं या उसके करीब हाे सकते हैं।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कांग्रेस नेतृज्व पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनको अपमानित किया है और वह इससे आहत हैं। इसके साथ ही कैप्टन ने अपने सभी राजनीतिक विकल्प खुले रखने की बात कही थी। कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू पर हमजा करते हुए कहा था कि सिद्धू अस्थिर व्यक्ति है।
यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के करीब होते हैं तो इससे पार्टी (भाजपा) को अगले साल होनेवाला पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने में आसानी होगी। अभी किसान आंदोलन के कारण पंजाब में भाजपा और उसके नेताओं को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।