प्रधानमंत्री मोदी की मातृत्व योजना को धामी राज में ठेंगा : जमीन पर क्यों जन्मा बच्चा?

वाह रे, धरती के भगवान : ये अस्पताल हैं या कसाईखाना?

प्रधानमंत्री मोदी की मातृत्व योजना को धामी राज में ठेंगा!

सचिव स्वास्थय व डीजी फिर क्यों छिपा रहे कल से वायरल वीडियो!

गरीब प्रसूता से डाक्टर ने की बदसलूकी, हरिद्वार महिला अस्पताल की गैलरी में जन्मा बच्चा

(ब्यूरो रिपोर्ट)

हरिद्वार / देहरादून। एक ओर मोदी सरकार एनएचआरएम और तमाम स्वास्थय योजनाओं से सुखी व स्वस्थ मातृत्व योजना के लिए चिंतित व प्रयत्शील है वहीं उन्हीं की उत्तराखंड की भाजपा धामी सरकार के राज में तीर्थनगरी हरिद्वार के महिला अस्पताल में गम्भीरावस्था में प्रसव से पीढित गरीब महिला का इमरजेंसी में चिकित्सीय सुविधा न उपलब्ध कराकर उससे व उसके खुशामदीद पति से हाथापाई की गयी। परिणाम स्वरूप प्रसवपीढा़ से पीडित महिला ने धरती का भगवान माने जाने वाले डाक्टरों के सामने ही अस्पताल की गैलरी में ही धरती में बच्चे को जन्म दिया और ये लापरवाह व कसाईखाने के कसाईयों की तरह उस दर्द व प्रसव वेदना से पीडित महिल को तड़पता देखती रही।

बताया जा रहा है कि उक्त ग्रामीण व गरीब महिला को आशा स्वास्थय कार्यकत्री अस्पताल लेकर आई थी उसे इन धन के लोभी तथा कालीकमाई की विपासना में अंधे लोंगों द्वारा धमका कर भगा दिया गया। जबकि वह आशा वर्कर सरकारी महिला अस्पताल के डाक्टरों व स्टाफ से तत्काल मदद की गुहार लगा रही थी किन्तु आक्टर व स्टाफ अपनी वैड प्रेक्टिस व आदत से मजबूर थे। अवैध रकम न जमा कराये जाने पर उसे ओटी में न लेजाकर पति की पिटाई कर भगाने लगे। यही नहीं प्रसव वेदना से पीडित प्रसूता ने अस्पताल की गैलरी में ही जमीन पर जन्म दे दिया। वायरल वीडियो साफ बता रही है कि माजरा क्या है।

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकारें जबतब ढोल पीटपीट कर इन योजनाओं पर वाहवाही लूटते रहते हैं वहीं उनका कोई डर व खौफ इस भ्रष्ट व कुशासन पर नहीं जाता जो अधिकांश आशा व आशा फैसिलेटेटरों को अपना दलाल बनाकर शिशु कल्याण योजना और मातृत्व में जननी को उसके खाते में आने वाली लालन पालन की रकम से पहले ही नगदी लेकर हिस्सा बटा लेते हैं।

बताया तो यह भी जा रहा है कि गत दिवस ही इस घटना की वीडियो वायरल होकर सचिव स्वास्थय व डीजी हेल्थ मैडम के पास भी पहुँच चुकी, परंतु दोनों उच्च अधिकारी चुप्पी साध मामले पर ऐनकेन प्रकरेण पर्दा डालने में जुट गये हैं और अभी तक इस अमानवीय दूष्कृत्य व गम्भीर मामले पर न ही कोई कार्यवाही प्रदर्शित हुई और न ही इस वायरल वीडियो के सच का खुलासा किया गया।

सच्चाई कुछ भी हो फिलहाल अरबों खरबों रुपये खर्च कर देश में चलाये जा रहे शिशु व मातृत्व कल्याण योजनाओं के चलते यह दृश्य और व्यवहार उचित नहीं है। क्या धामी सरकार इस प्रकरण पर कठोर कार्यवाही करेगी या फिर जाँच और जाँच में उलझाऊ नीति ही अपनायेगी? क्या यही है सुशासन?

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