आज से 6 महीने के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट – Polkhol

आज से 6 महीने के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट

उत्तराखंड (Uttarakhand) में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2021) के दौरान केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट आज बंद हुए. वहीं, 6 नवम्बर को भैया दूज के दिन सुबह साढ़े 8 बजे बंद कर दिए गए. इसके लिए बाबा केदार की उत्सव डोली का कार्यक्रम घोषित किया गया है. बाबा की डोली धाम से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी. जबकि 7 नवंबर को बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान होगी. जहां 6 महीने तक भक्त अपने भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे.

दरअसल, केदारनाथ की उत्सव डोली 8 नवंबर को गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर से प्रस्थान करते हुए करीब 11 बजे सुबह पंच केदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रवेश करेगी. इस दौरान पूजा अर्चना और परम्परानुसार डोली को शीतकालीन गद्दी स्थल में विराजमान किया जाएगा. जहां बाबा केदार की 6 महीने शीतकालीन पूजाएं की जाएंगी. वहीं, शनिवार सुबह 4 बजे से केदारनाथ मंदिर में बाबा की विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी. मुख्य पुजारी बागेश लिंग द्वारा बाबा केदार की विधि-विधान से अभिषेक कर आरती उतारी जाएगी.

अपर कार्याधिकारी की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के कपाट हुए बंद

बता दें कि इसके साथ ही स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप देते हुए लिंग को भस्म से ढक दिया जाएगा. इसके बाद बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति का शृंगार कर चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया जाएगा. इसके बाद परंपरानुसार बाबा केदार की मूर्ति को मंदिर परिसर में भक्तों के दर्शन के लिए रखा जाएगा. वहीं, सुबह 8.30 बजे देवस्थानम बोर्ड के अपर कार्याधिकारी की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए.

7 नवंबर को शीतकालीन पंचकेदार गद्दी स्थल में किया जाएगा विराजमान

गौरतलब है कि इसके बाद बाबा केदार की डोली मंदिर की तीन परिक्रमा करते हुए श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी. जहां डोली रुद्रा प्वाइंट, लिनचोली, रामबाड़ा, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग में भक्तों को आशीर्वाद देते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी. 6 नवंबर को डोली रामपुर से प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी. वहां से 7 नवंबर को बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति को विधि-विधान के साथ शीतकालीन पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान कर दिया जाएगा.

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