दिल्‍ली और इसके आसपास के राज्‍यों में वायु प्रदूषण से स्थिति बेहद खराब, हर जगह पर धुएं और धुंध की चादर बिछी हुई नजर आ रही – Polkhol

दिल्‍ली और इसके आसपास के राज्‍यों में वायु प्रदूषण से स्थिति बेहद खराब, हर जगह पर धुएं और धुंध की चादर बिछी हुई नजर आ रही

उत्‍तर भारत के कई राज्‍यों में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से समस्‍या बढ़ती दिखाई दे रही है। राजधानी दिल्‍ली में तो हालात बेहद खराब हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के सख्‍त रुख के बाद दिल्‍ली सरकार  की आपात बैठक में इसको देखते हुए कई कड़े कदम भी उठाए गए हैं। बता दें कि दिवाली के बाद से ही दिल्‍ली समेत दूसरे राज्‍यों के विभिन्‍न शहरों में वायु प्रदूषण की वजह से एक्‍यूआई लेवल भी काफी बढ़ा हुआ है। दिल्‍ली के आनंद विहार इलाके में एक्‍यूआई लेवल रविवार सुबह 8 बजे 446 तक पहुंच गया जो गंभीर श्रेणी में आता है। इसी तरह जहांगीर पुरी में ये 403 था। दिल्‍ली के अन्‍य इलाकों में एक्‍यूआई की श्रेणी खराब से बेहद खराब के बीच रही है।

वायु प्रदूषण का बढ़ता स्‍तर केवल दिल्‍ली में ही नहीं बल्कि इसके आसपास के दूसरे राज्‍यों में भी देखने को मिल रहा है। दिल्‍ली से सटे उत्‍तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले का भी यही हाल है। यहां पर सुबह 9 बजे 370-377 के बीच एक्‍यूआई का स्‍तर रिकार्ड किया गया है। सुबह 7 बजे यहां का एक्‍यूआई लेवल 390 और 8 बजे 380 रिकार्ड किया गया था, जो की बेहद खराब स्थिति है। इसी तरह से हापुड़, ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, बागपत, फिरोजाबाद, गोरखपुर में ही  भी वायु प्रदूषण का स्‍तर इसी तरह से बेहद खराब रिकार्ड किया गया है। कानुपर में एक्‍यूआई का स्‍तर खराब 210-278 रिकार्ड किया गया। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद के विभिन्‍न इलाकों में भी एक्‍यूआई का स्‍तर खराब से बेहद खराब के बीच ही रहा है।

एएनआई के मुताबिक एक तरफ जहां इन राज्‍यों में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ इससे बचने के लिए लोग शिमला का रुख कर रहे हैं। दिवाली के बाद जहां कई शहरों में एक्‍यूआई का स्‍तर बढ़ा है वहीं शिमाला में सैलानियों की संख्‍या में इजाफा हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में एक्‍यूआई का स्‍तर दूसरे राज्‍यों के अलावा बेहतर है। यही वजह है कि यहां पर आने वाले सैलानियों की संख्‍या भी लगातार बढ़ रही है। स्‍थानीय होटल मालिक राशित मल्‍होत्रा के मुताबिक होटल में रोजाना 70-80 फीसद तक भर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *