कोविड टेस्टिंग को बढ़ाया जाए और वैक्सीनेशन के लिए हर घर दस्तक अभियान में तेजी लाई जाए : सीएम

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड के बढ़ते मामलों और कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के सम्भावित खतरे को देखते हुए समीक्षा की, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड सैम्पलिंग को बढ़ाने और कान्टैक्ट ट्रेसिंग को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कोविड के बढ़ते मामलों और कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के सम्भावित खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सीएम आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ विस्तार से समीक्षा की।

‘हर घर दस्तक’ अभियान को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड वैक्सीन की पहली डोज शत प्रतिशत लगाई जा चुकी है, परंतु दूसरी डोज के लिए और अधिक तत्परता से काम किए जाने की आवश्यकता है। ‘हर घर दस्तक’ अभियान को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाए। निश्चित समय में कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाना सुनिश्चित किया जाए

लोगों को कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के लिए प्रेरित किया जाए

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन लोगों को भी वायरल के लक्षण हैं, उन सभी का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य रूप से करवाया जाए। उन्होंने कहा कि पेनिक की आवश्यकता नहीं है, परंतु पूरी सावधानी और पुख्ता तैयारियां सुनिश्चित करनी होंगी। एक बार फिर से लोगों को कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जाए। इसके लिए अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए।

किसी तरह की लापरवाही न हो

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को टेस्टिंग टार्गेट को पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की लापरवाही न हो। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संबंध में भारत सरकार द्वारा जो एडवायजरी जारी की गई है, उसके प्रोटोकॉल का अक्षरक्षः पालन किया जाए।

कान्टैक्ट ट्रेसिंग सुनिश्चित की जाए

मुख्यमंत्री ने कान्टैक्ट ट्रेसिंग पर बहुत बल देते हुए उन्होंने कोविड पॉजिटिव के सम्पर्क में आए सभी लोगों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग सुनिश्चित करने और माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने के निर्देश दिये। इसमें कोई कोताही न की जाए। कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान विकसित किए गए कोविड से संबंधित हेल्थ इन्फा्रस्ट्रक्चर जैसे कि आईसीयू, आक्सीजन, वेंटिलेटर आदि की जांच करवा ली जाए। जिलों मे कंट्रोल रूम को फिर से सक्रिय किया जाए। आवश्यक होने पर कोविड प्रबंधन से जुड़ी मेनपावर की ट्रेनिंग करवा ली जाए। दोनों मंडलायुक्त और सभी जिलाधिकारी अपने क्षेत्रों में कोविड की स्थिति और कोविड प्रबंधन की स्थिति को बारीकी से देख लें, एक सप्ताह बाद फिर से मुख्यमंत्री स्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी

 

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