अटल जयंती पर मोदी दे सकते हैं कानपुर को मेट्रो की सौगात

लखनऊ: औद्योगिक नगरी कानपुर के बाशिंदों को जाम की जटिल समस्या से निजात दिलाने के लिये कानपुर मेट्रो फर्राटा भरने को तैयार है। पूर्व प्रघानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कानपुर मेट्रो सेवा के पहले चरण का उद्घाटन कर सकते हैं।

दो साल के रिकार्ड समय में पहले चरण के लिये आईआईटी से मोतीझील के बीच तैयार नौ किमी लंबे मेट्रो रेल पथ का काम पूरा किया जा चुका है। इस रूट पर पिछले महीने दस नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रायल रन को हरी झंडी दिखायी थी।

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि मेट्रो रेल प्रशासन पहले कोरिडोर के इस ट्रैक पर यात्रियों के लिये मेट्रो रेल सेवा शुरू करने के लिये तैयार है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों होने की संभावना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुयी है।

उत्तर प्रदेश में फिलहाल चार प्रमुख शहरों लखनऊ, ग़ाज़ियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल सेवाओं का संचालन हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि कानपुर में आईआईटी से मोतीझील के बीच निर्मित प्राथमिक सेक्शन पर वाणिज्यिक परिचालन का शुभारंभ होने जा रहा है। वहीं, आगरा में भी मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण तीव्र गति के साथ जारी है। गोरखपुर मेट्रो लाइट परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और इस पर केन्द्र की मुहर लगनी बाकी है। इसके अलावा मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी और झांसी के लिये भी डीपीआर तैयार की जा रही है।

उन्होने बताया कि कानपुर में मेट्रो रेल के दोनो कोरिडोर की अनुमानित लागत 11076.48 करोड़ रुपए है जिसे 2024 तक पूरा होने की संभावना है। कॉरिडोर-प्रथम के अंतर्गत आईआईटी से मोतीझील के बीच लगभग नौ किमी लंबे प्राथमिक सेक्शन का शिलान्यास 15 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था जिसके बाद 31 दिसंबर 2019 को पहले पियर (पिलर) का निर्माण शुरू किया गया था। निर्माण कार्यों की शुरुआत से दो साल से भी कम के रिकॉर्ड समय में नौ किमी लंबे प्राथमिक सेक्शन पर ट्रायल रन की 10 नवंबर को शुरुआत हुई।

सूत्रों ने बताया कि चुन्नीगंज से नयागंज के बीच बनने वाले कॉरिडोर-प्रथम (आईआईटी से नौबस्ता) के भूमिगत सेक्शन-प्रथम पर निर्माण कार्य जारी है जबकि कानपुर सेंट्रल से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच बनने वाले भूमिगत सेक्शन-द्वितीय और बारादेवी से नौबस्ता तक बनने वाले उपरिगामी सेक्शन की निविदा प्रक्रियाएँ जारी हैं और जल्द ही इन्हें भी निस्तारित कर दिया जाएगा।

कानपुर में मेट्रो ट्रेनें ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ की तकनीक से लैस होंगी। इस तकनीक के अंतर्गत, ट्रेन में ब्रेकिंग के दौरान जो ऊर्जा पैदा होती है, उसे संरक्षित कर वापस मेट्रो तंत्र में इस्तेमाल कर लिया जाता है। कानपुर की ट्रेनें इस तकनीक के माध्यम से लगभग 45 फीसदी तक ऊर्जा बचाएँगी यानी अगर ट्रेन ऑपरेशन में 1000 यूनिट बिजली खर्च हो रही है तो रीजनरेटिव ब्रेकिंग के माध्यम से ट्रेनें लगभग 450 यूनिट फिर से पैदा कर लेंगी, जिन्हें वापस सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा।

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