बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिला प्रशासन ने गुरूवार को एक नवनिर्मित सड़क के उदघाटन के दौरान हुयी किरकिरी के बाद निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल को लेकर जांच कमेटी का गठन किया है।
दरअसल, जिले के हल्दौर क्षेत्र के बालकिशनपुर चौराहे के समीप नहर की पटरी पर नवनिर्मित सड़क का उद्घाटन करने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बिजनौर की सदर विधायक सुचि चौधरी को आमंत्रित किया था। विधायक ने सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में विधिवत रूप से जैसे ही नारियल सडक पर फोड़ा तो सडक नीचे को धंस गई लेकिन नारियल जस का तस पडा रहा। इस वाकये से विधायक अवाक रह गईं ,सडक निर्माण में मानकों की अनदेखी करने का कारण जानने के लिए अधिकारियों को मौके पर तलब कर लिया।
बिजनौर के मुख्य विकास अधिकारी केपी सिंह के निर्देश पर सार्वजनिक निर्माण विभाग(पीडब्ल्यूडी)के इंजीनियर एसपी सिंह तथा जेई आजाद सिंह ने सडक निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।
भाजपा की सबसे कम उम्र की विधायक सुचि सिंह ने यूनिवार्ता को बताया कि सिंचाई विभाग बिजनौर की ओर से 116.34 रुपये की लागत से लगभग साढ़े सात किमी लंबी बनने वाली सड़क के उद्घाटन के लिए निमंत्रण भेजा गया था। पिछले एक माह पूर्व शुरू लगभग 700 मीटर बन चुकी सडक का पंरपरागत रुप से नारियल फोडकर उद्घाटन करते समय सडक धंस गई जबकि नारियल जस का तस हालत में रहा।

अधोमानक सडक निर्माण में लापरवाही बरतने के जिम्मेदार के खिलाफ कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी उमेश मिश्र को अवगत कराया जा चुका है जिस पर बताया गया है कि तीन सदस्यीय समिति जांच कर रिपोर्ट आने पर दोषी पाए जाने पर कडी कार्यवाही की जाएगी। विधायक कहा कि जांच में देरी नहीं होनी चाहिए अन्यथा सडक निर्माण में देरी का खामियाजा क्षेत्रीय जनता को भुगतना पडेगा। इसलिए निर्माण कार्य शीघ्रातिशीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने बताया कि अधोमानक सडक निर्माण के बारे में तकनीकी जांच समिति बैठा दी गई है, सैंपल लेकर जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाता है उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। सडक निर्माण कार्य पर फिलहाल रोक लगा दी गई है,अब जांच पूरी के बाद ही फिर से काम शुरू हो सकेगा।