त्रिशूर: तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के अलावा जिन 12 अन्य लोगों की मौत हो गई उन्हीं में से एक जूनियर वारंट अधिकारी ए प्रदीप के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए शनिवार को यहां के पास पोन्नुकारा में उनके घर लाया गया।
लोगों के अंतिम दर्शन के लिए पहले उनके पार्थिव शरीर को पुथुर हाई स्कूल में रखा गया। अपने करीबी प्रदीप की एक झलक पाने के लिए यहां स्कूल के सभागार में उनके कई दोस्त, रिश्तेदार और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।
शहीद हुए प्रदीप की अंतिम संस्कार के लिए सेना, पुलिस और जिला प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए। यहां शाम को उनके पैतृक अरकल पैतृक परिसर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सेना के करीब 70 जवान और बड़ी संख्या में केरल पुलिस के जवान अंतिम संस्कार की व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं।
इससे पहले, शव को दिल्ली से कोयंबटूर के सुलु हवाई अड्डे पर सुबह के लगभग 11:00 बजे लाया गया, जहां से सड़क मार्ग के जरिए उनके घर लाया गया। शहीद सेना के शव के साथ विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और त्रिशूर के सांसद टीएन प्रतापन भी मौजूद थे। केरल-तमिलनाडु की सीमा पर स्थित वालेयार में, केरल के तीन मंत्रियों के राजन, के राधाकृष्णन और के कृष्णकुट्टी ने शव को अपने जिम्मे लिया और बाद में त्रिशूर कलेक्टर वी हरिता कुमार और पुलिस प्रमुख आर आदित्य भी उनके साथ शामिल हो गए।
शहीद प्रदीप के पिता बीमार हैं और अभी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। उन्हें फुफ्फुस संबंधी एक पुरानी बीमारी है। उनकी इस स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को उन्हें अपने बेटे के शहीद होने के बारे में नहीं बताया गया। लेकिन जब शनिवार को उन्हें पूरी बात पता चली, तो उन्हें संभालना काफी मुश्किल हो गया।
सुलूर में वायुसेना स्टेशन पर तैनात 37 वर्षीय प्रदीप कुछ दिन पहले ही अपने बेटे के जन्मदिन पर घर आए थे।
प्रदीप साल 2002 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे और इस दरमियान लगभग पूरे देश में उनकी तैनाती हुई है। उनके परिवार में पत्नी लक्ष्मी और दो बच्चे हैं, जो उनके साथ सुलूर में भारतीय वायुसेना के स्टाफ क्वार्टर में रहते थे।