चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य में पांच एकड़ तक के मालिकाना हक वाले लगभग 1.09 लाख छोटे और सीमांत किसानों के दो लाख रुपए तक के ऋण के निपटारे के लिए मौजूदा ऋण माफी योजना के अंतर्गत 1200 करोड़ रुपए के फंड जारी करने का ऐलान किया है।
राज्य सरकार पहले ही ऐसे 5.63 लाख किसानों के 4610 करोड़ रुपए के ऋण माफ कर चुकी है। इनमें से 1.34 लाख छोटे किसानों को 980 करोड़ रुपए की राहत मिली है, जबकि 4.29 लाख सीमांत किसानों को 3630 करोड़ रुपए के ऋण माफी का लाभ मिला है।
साल भर चले किसान आंदोलन के दौरान सैंकड़ों किसानों द्वारा दिए गए बलिदानों की याद में और इस दौरान किसानों के बेमिसाल योगदान के स्वरूप मुख्यमंत्री ने 5 एकड़ भूमि में अत्याधुनिक स्मारक बनाने का ऐलान भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के आंदोलन और उनके बलिदानों को समर्पित यह स्मारक केंद्र सरकार से काले कृषि कानून रद्द करवाने के लिए किसानों द्वारा लड़ी गई संघर्षपूर्वक लड़ाई को दिखाने में सहायक होगी। यह स्मारक इसलिए भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि यह लोकतंत्र की सर्वोच्चता और किसान आंदोलन के शांतमयी व्यवहार को दिखाएगा। उन्होंने किसानों की अदम्य भावना और शांतिपूर्ण आंदोलन को प्रदर्शित करने के लिए आला दर्जे का स्मारक बनाने के लिए साझा किसान मोर्चा (एसकेएम) से पूर्ण समर्थन और सहयोग की माँग की।
एक महत्वपूर्ण फ़ैसले में चन्नी ने पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक के दो लाख रुपए तक के कर्जदार पांच एकड़ तक की ज़मीन वाले छोटे और सीमांत किसानों को भी ऋण माफी योजना के दायरे में लाने का ऐलान किया।
संयुक्त किसान मोर्चे की माँग को स्वीकार करते हुए उन्होंने राज्य में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने वाले किसानों के विरुद्ध पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज की गईं सभी प्राथमिकी 31 दिसंबर तक रद्द करने का ऐलान किया। उन्होंने आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के लिए डीजीपी को तुरंत निर्देश दिए, जिससे राज्य भर में किसान आंदोलन और धान की पराली जलाने के मामलों में अलग-अलग किसानों के विरुद्ध दर्ज सभी मामले रद्द किया जा सकें।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के 17 वारिसों को तरस के आधार पर नियुक्ति पत्र भी सौंपे।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री रणदीप सिंह नाभा, विजय इंदर सिंगला, अरुणा चौधरी और राज कुमार वेरका के अलावा मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव हुसन लाल, वित्त कमिश्नर राजस्व वी.के. जंजूआ, वित्त कमिश्नर विकास डी.के. तिवारी, प्रमुख सचिव वित्त के.ए.पी सिन्हा और डी.जी.पी. एस. चट्टोपाध्याय उपस्थित थे।