‘रामायण के अलावा महाभारत, बौद्ध, शिव पर्यटन सर्किट बनाएं भारत-नेपाल’ – Polkhol

‘रामायण के अलावा महाभारत, बौद्ध, शिव पर्यटन सर्किट बनाएं भारत-नेपाल’

नई दिल्ली:  भारत ने नेपाल के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक एवं सभ्यागत संबंधों को मजबूत बनाने के मकसद से संयुक्त रूप से ‘रामायण, महाभारत, बौद्ध एवं शिव पर्यटन रेल सर्किट बनाकर प्रचारित प्रसारित करने तथा नेपाल के किताब जात्रा रेल सर्किट के परिचालन में सहयोग का प्रस्ताव किया है।

केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी. किशनरेड्डी और नेपाल के पर्यटन, संस्कृति एवं नागर विमानन मंत्री प्रेम बहादुर आले ने नेपाल की संस्कृति को पुस्तकों के माध्यम से विश्वभर में प्रचारित प्रसारित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान ‘किताब जात्रा’ के प्रथम अंतरराष्ट्रीय संस्करण का गुरुवार को यहां उद्घाटन करते हुए यह बात कही।

रेड्डी ने कहा कि नेपाल भारत संबंध प्राचीनतम संबंध हैं। सभ्यताओं के आरंभ से ही हमारे रिश्तों को तोड़ने एवं दूरी बनाने के हर तरह के प्रयास किये गये लेकिन हर प्रयास विफल रहा। हमारी सभ्यता, संस्कृति, धर्म, आस्था, ऋषि मुनि, खानपान और पहनावा आदि अनेक आयाम हमें एक दूसरे के करीब लाते हैं और हमारे रिश्तों को प्रगाढ़ बनाते हैं। इसलिए हमारे बीच एकता थी, है और रहेगी।

उन्होंने कहा कि नेपाल गौतम बुद्ध की जन्मभूमि है और भारत नेपाल को ज्ञान का स्रोत मानता है क्योंकि वहां बुद्ध पैदा हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसी कारण से नेपाल अत्यंत प्रिय देश है और मोदी ने नेपाल की बहुत यात्राएं कीं हैं। उन्होंने बताया कि मोदी ने पशुपतिनाथ, काली गंडकी और मुक्तिनाथ मंदिरों में ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने जीवन के चार वर्ष व्यतीत किये हैं।

रेड्डी ने भारतीय पर्यटकों से अपील की कि वे नेपाल जाएं तो पशुपतिनाथ, मुक्तिनाथ और जनकपुर के जानकी मंदिरों के दर्शन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि भारत ने नेपाल एवं भारत दोनों जगह पर्यटन को प्रोत्साहित करने केे लिए रामायण सर्किट पर काम शुरू किया है। इसी प्रकार से बुद्ध, शिव एवं महाभारत पर भी धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाये जा सकते हैं।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने प्रस्ताव किया कि भारत में किताब जात्रा रेल सर्किट बनाकर इस अभियान को एक नया आयाम दिया जा सकता है ताकि अधिक युवा इससे जुड़ें। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक टूर के दौरान आप बार बार भारत आएं। किताब जात्रा ट्रेन सर्किट का कार्यक्रम बनायें।

रेड्डी ने कहा कि भारत एवं नेपाल दोनों को शक्तिशाली होना होगा और इसके लिए समस्याओं के समाधान के लिए एक साझा योजना बनाने एवं उसे विकसित करने की जरूरत है।
इस अवसर पर नेपाली पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्आले ने कहा कि किताब जात्रा का प्रथम संस्करण का भारत में आयोजन महज इत्तेफाक नहीं है बल्कि यह हमारे संबंधों की ऐतिहासिक निरंतरता की परंपरा को भी आगे बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल संबंध केवल राजनीतिक कूटनीतिक संबंध नहीं बल्कि लोगों के बीच के घनिष्ठ सामाजिक, सांस्कृतिक एवं पारिवारिक रिश्ते हैं और ये संबंध हमारे साहित्य और कला में भी परिलक्षित होते हैं। नेपाली साहित्य, कला, राजनीति एवं अर्थव्यवस्था ने न सिर्फ भारत बल्कि विश्व को काफी कुछ भी दिया है।

किताब जात्रा के नयी दिल्ली संस्करण की समन्वयक एवं नेपाल की जानी मानी पत्रकार आशा थपलिया ने बताया कि भारत में नेपाली भाषी लोगों ने नेपाली पुस्तकों के प्रति गहरी रुचि का इज़हार किया है। भारत में नेपाल के कार्यवाहक राजदूत राम प्रसाद सुबेदी और नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत के. वी. राजन भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

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