राजस्थान में आयकर छापों में तीन सौ करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी गयी – Polkhol

राजस्थान में आयकर छापों में तीन सौ करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी गयी

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने राजस्थान में छापेमारी करके दो समूहों और उनकी व्यावसायिक संस्थाओं की तलाशी ली तथा जब्ती अभियान में 17 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और जेवरात बरामद किए।

विभाग के अनुसार इस कार्रवाई में 300 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है।

आयकर विभाग के एक बयान के मुताबिक 22 दिसंबर को शुरू की गयी इस कार्रवाई में जिन दो समूहों की तलाशी ली गयी, उनमें एक समूह राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में बिजली के स्विच, तार, एलईडी, रियल एस्टेट तथा होटल व्यवसाय से संबंधित व्यापारिक कार्यों में लगा हुआ है, जबकि दूसरा समूह जयपुर और इसके आसपास के शहरों में कर्ज देने का का काम करता है।

विभाग ने बताया कि जयपुर, मुंबई और हरिद्वार सहित विभिन्न स्थानों में फैले 50 से अधिक परिसरों में छापेमारी में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डाटा मिले हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि स्विच, वायर, एलईडी आदि के निर्माण के कारोबार में लगे समूह की कई इकाइयां ऐसे सामान बेच रही हैं जो नियमित खातों में दर्ज नहीं किये गए हैं। वे कर योग्य आय को छुपाने के लिए फर्जी खर्चों का दावा विवरण प्रस्तुत करती थीं।

विभाग के अनुसार माल की बेहिसाब बिक्री पर नकद राशि प्राप्त होने के सबूत भी मिले हैं। इस समूह के मामले में तलाशी दल ने 150 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय वाले लेनदेन का पता लगाया है।

आयकर विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक समूह के मुखिया ने 55 करोड़ रुपये को अघोषित आय के रूप में स्वीकार किया है और उस पर कर का भुगतान करने की पेशकश की है।

दूसरे समूह से संबंधित जब्त दस्तावेजों के विश्लेषण से पता चला है कि अधिकांश ऋण नकद में दिए गए हैं और इन ऋणों पर अपेक्षाकृत उच्च ब्याज दर वसूल की गई है। इस कार्य में लगे व्यक्तियों की आय की विवरणी में न तो अग्रिम ऋण और न ही उस पर अर्जित ब्याज की आमदनी का खुलासा किया गया है। इस समूह में 150 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय के प्रमाण मिले हैं।

बयान के मुताबिक अब तक की गई तलाशी कार्रवाई में कुल 17 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और जेवरात बरामद किए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *