इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर की एक अदालत ने आज प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (सिमी) के दो कार्यकर्ताओं को देश की एकता एवं अखण्डता को खण्डित करने तथा आतंक फैलाने के मामले में दोषी पाए जाने पर दंडित किया है।
इंदौर जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने आज बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) हीरालाल सिसोदिया वर्ष 2009 में दर्ज किये गए एक प्रकरण में दोषियों को दंडित किया है। न्यायालय ने मोहम्मद यूनुस निवासी बेगम बाग कॉलोनी उज्जैन तथा मोहम्मद शफीक निवासी फाजलपुरा उज्जैन को यह सजा सुनाई है। दोषी पाए गए दोनों अभियुक्त वर्तमान में इंदौर निवासी हैं।
अभियोजन अधिकारी ने बताया कि 20 अक्टूबर 2009 को खजराना थाना क्षेत्र से इन दोनों दोषियों को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) यूनिट ने गिरफ्तार किया था। न्यायालय ने इन दोनों को दोषी पाते हुए धर्म, भाषा के आधार शत्रुता फैलाने (आईपीसी की धारा 153) पर 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व एक-एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।
इसी तरह राष्ट्रीय एकता के खिलाफ भाषण देने (आईपीसी की धारा 153 बी) में मामले में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक-एक रूपये के अर्थदण्ड, विधि विरूद्ध क्रियाकलाप संशोधन अधिनियम के तहत 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रूपये अर्थदण्ड और इसी अधिनियम की अन्य धारा में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास और एक-एक हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है। साथ ही इन्हे अवज्ञा (सीआरपीसी 143) करने पर 06-06 माह के साधारण एवं एक-एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।