चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि पंजाब के सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों की मुख्य मांगों को पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया जाएगा।
चीमा ने कहा कि प्रदेश में आप पार्टी की सरकार बनने के तुरंत बाद कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर अमल किया जाएगा और उनके साथ इंसाफ किया जाएगा। उन्होंने आज यहां कहा कि पंजाब में दशकों से शासन करने वाली कांग्रेस,अकाली दल (बादल),भारतीय जनता पार्टी और कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों को कुचला और उनके साथ वादाखिलाफी की ।
उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी व्यवस्था को समाप्त कर ठेका और आउटसोर्सिंग प्रणाली को बढ़ावा दिया गया है, सरकारी कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने के साथ युवाओं को बेरोजगार रखा गया है। बादल परिवार और अमरिंदर सरकारों ने कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ नहीं दिया, कर्मचारियों को मिलने वाली सरकारी पेंशन को भी समाप्त कर दिया तथा उनसे जुड़े सभी जरूरी फैसलों को अदालती कार्यवाही में उलझा कर रखा।
आप नेता ने कहा कि लोगों के लिए कल्याणकारी सुविधाओं की बात हो या कर्मचारियों व पेंशन भोगियों की जायज मांगों का सवाल हो,सत्ताधारी दलों ने हमेशा वित्तीय संकट का हवाला दिया है । कांग्रेस पार्टी के 2017 के चुनावी घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए चीमा ने कहा कि कांग्रेस और कैप्टन सिंह का चुनावी घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा साबित हुआ । कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों से किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने न तो कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ दिया है और न ही पुरानी पेंशन को बहाल किया है।
उन्होंने कहा कि युवओं के लिए सरकारी नौकरियोंं के सृजन में भी कांग्रेस जीरो साबित हुई है, क्योंकि कांग्रेस ने न तो घर-घर नौकरी दी और न ही बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया है। कांग्रेस का हर जिले में रोजगार कार्यालय खोलने का दावा भी खोखला साबित हुआ है,बल्कि पहले से चल रहे रोजगार कार्यालय भी स्टाफ की कमी से दम तोड़ चुके हैं।