पटना: बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर घमासान थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
राजग के प्रमुख घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने सोमवार को फेसबुक पोस्ट के जरिए घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की सरकार के आंकड़ों को पेश करते हुए कहा कि केंद्र से जितनी राशि बिहार को मिलती है वह राज्य सरकार खर्च नहीं करती है। उन्होंने बिहार के विशेष राज्य की मांग को सिरे से खारिज करने वाला लम्बा पोस्ट किया।
डॉ. जायसवाल के नीतीश सरकार पर आरोपों का जवाब देते हुए अब जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने सोशल मीडिया के जरिए पलटवार किया है। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को ज्ञानी बताते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कुछ साधारण बातें जरूर समझते होंगे। आप आर्थिक सर्वेक्षण को ठीक से पढ़ें। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रयास है कि विश्वव्यापी कोरोना महासंकट के बावजूद बिहार की प्रति व्यक्ति आय लगभग 1221 रुपए सालाना बढ़ गया है।
बिहार में नल जल योजना को वर्ष 2016 से ही लागू किया गया और केंद्र की सरकार ने वर्ष 2019 में इसकी शुरुआत की। 90 प्रतिशत कार्य बिहार सरकार ने अपने खर्च पर करवा लिया है तो फिर केंद्र की सरकार से इस मद में मिले 6000 करोड़ रुपए लगभग लेने का कोई औचित्य नहीं बनता है। हर घर बिजली का काम बिहार में वर्ष 2015 में शुरू होकर वर्ष 2018 तक पूरा कर लिया गया। केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में इसकी शुरुआत की।