दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्र और राज्यों के कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले ई-रुपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा 10 हजार रुपये प्रति वाउचर से बढ़ा कर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक समीक्षा बैठक के निर्णयों की मुंबई में जानकारी देते हुए बताया कि आरबीआई के प्रस्ताव के अनुसार ऐसे वाउचर का प्रयोग अब उसकी राशि समाप्त होने तक कई बार में किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित ई-रुपे प्री-पेड डिजिटल वाउचर अगस्त 2021 में पेश किया गया था। उस समय नकदी मुक्त भुगतान से लाए गए इस वाउचर की सीमा 10,000 रुपये थी और एक वाउचर को एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता था। उन्होंने कहा, “केंद्र और राज्यों द्वारा जारी ई-रुपे वाउचर की राशि की सीमा अब 10,000 रुपये से बढ़ा कर 1,00,000 प्रति वाउचर करने और ऐसे ई-रुपे वाउचर को एक से अधिक बार उपयोग करने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया जाता है, जब तक कि वाउचर को पूरी तरह से भुना नहीं लिया जाता है। ”
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इससे सरकारों को अपनी विभिन्न योजनाएं लाभार्थियाें तक पहुंचाने में और आसानी होगी।