डोईवाला: आज देश की बालिकाएं विदेशों में देश का नाम रोशन कर रही है नेपाल में हुई 3 किलोमीटर इंटरनेशनल रेस में डोईवाला की काजल लोधी ने गोल्ड मेडल जीतकर क्षेत्र का ही नहीं बल्कि देश का गौरव बढ़ाया है बता दें कि काजल लोधी इससे पहले भी नेशनल स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन कर चुकी है और अब इंटरनेशनल स्तर पर 3 किलोमीटर रेस जीतकर भारत की झोली में गोल्ड दिया है हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली काजल लोधी को सरकार द्वारा कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई जिससे खेल प्रतिभाओं को परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है लेकिन पेशे से किसान की बेटी ने क्षेत्र का नाम रोशन किया है क्षेत्र में खुशी की लहर है इस दौरान खिलाड़ी काजल लोधी ने कहा कि देश के लिए सोना लाना गर्व की बात है इससे क्षेत्र के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन हुआ है और आगे भी मैं इसी तरह मेहनत कर देश का नाम रोशन करूंगी ।
जीतकर लौटी काजल का आज डोईवाला पहुंचने पर उत्तराखंड क्रांति दल व स्थानीय लोगों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया।
बता दें कि डोईवाला की रहने वाली मजदूर की बेटी काजल लोधी ने 3 किलोमीटर की इंडो नेपाल दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर क्षेत्र का ही नही बल्कि भारत का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने यह दौड़ मात्र 11 मिनट 36 सेकंड में पूरी कर भारत की झोली में गोल्ड डाला। काजल लोधी अभी तक 35 बार मैराथन व अन्य दौड़ में प्रतिभाग कर चुकी हैं। ओर राज्य स्तर से लेकर नेशनल स्तर पर परचम लहरा चुकी हैं। लेकिन सरकार द्वारा कोई मदद न मिलने पर यह प्रतिभा मायूस भी है।
मीडिया से बातचीत के दौरान काजल लोधी ने बताया कि अभी तक सरकार के द्वारा उन्हें किसी भी तरह की कोई सहायता नहीं दी गयी।
हालांकि उत्तराखंड में खेल नीति तो बना दी गयी, पर खेल प्रतिभाओं को राज्य द्वारा प्रोत्साहन मिलना शुरू नहीं या गया।
जहां एक तरफ दूसरे राज्य की सरकारे युवाओं को खेल प्रतिभा में आगे बढ़ाने के लिए सरकारी नौकरी और अन्य तरीके से प्रोत्साहित करती है। वहीं उत्तराखंड की सरकार खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए किसी भी तरह की रुचि नहीं लेती। जो कि खेल प्रतिभाओं के लिए आगे बढ़ने में रुकावट बनती है।