दिल्ली: ओमीक्रॉन संक्रमण का खतरा थमने के बाद स्थिति सामान्य होने के संकेत और सभी देशों में आवाजाही में ढील के बीच पर्यटन मंत्रालय ने भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए छह महीने के पर्यटक वीजा का प्रस्ताव किया है।
एक शीर्ष अधिकारी ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया, “उन्होंने गृह मंत्रालय से कहा है कि लंबी अवधि के वीजा से भारत को प्रमुख यात्रा गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए अभियान और अन्य प्रचार गतिविधियों की योजना बनाने में मदद मिलेगी। हमने आने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटीन प्रतिबंधों को हटाने और छह महीने या उससे अधिक समय के लिए पर्यटक वीजा जारी करने का प्रस्ताव दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा क्वारंटीन नियमों में काफी ढील दी गई है। हमें गृह मंत्रालय से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है।”
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के अध्यक्ष राजीव मेहरा ने कहा कि वर्तमान में सरकार विदेशी पर्यटकों को 30 दिनों का एकल प्रवेश वीजा दे रही है। साथ ही उद्योग क्षेत्र के पटरी पर लौट आने के लिए वीजा नियमों को आसान बनाने पर भी जोर दिया। पर्यटकों को लिए लंबी अवधि का वीजा दिये जाने के साथ-साथ नियमित वाणिज्यिक उड़ानें भी बहाल की जानी चाहिए। इससे कम से कम बाजार का विश्वास बहाल होगा। पर्यटन उद्योग ने भी वीजा बहाली की मांग की है, जो मार्च 2020 में कोरोना वायरस के प्रसार के मद्देनजर निलंबित कर दिया गया था।
विदेशी पर्यटक वर्तमान में भारत और अन्य देशों के बीच एयर बबल समझौते के तहत संचालित की जा रही उड़ानों से भारत की यात्रा कर रहे हैं। 15 दिसंबर 2021 से शुरू होने वाली सामान्य उड़ानें ओमीक्रॉन वायरस संक्रमण के प्रसार का हवाला देते हुए बंद कर दिया गया है। हालांकि बाद में सरकार ने क्रमिक तरीके से प्रतिबंधों में ढील दी। कोविड की स्थिति में सुधार को ध्यान में रखते हुए समूह पर्यटकों के मामले में पिछले साल 15 अक्टूबर से ई-पर्यटक वीजा/पर्यटक वीजा पर विदेशी नागरिकों को अनुमति दी गई थी। वहीं, व्यक्तिगत विदेशी पर्यटकों के मामले में, 15 नवंबर 2021 से वीज़ा की अनुमति दी गई थी।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 06 अक्टूबर 2021 से 21 जनवरी 2022 तक कुल 56392 नियमित पर्यटक वीजा और 111141 ई-पर्यटक वीजा जारी किए गए हैं। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल यात्रा और आतिथ्य उद्योग के इतिहास में सबसे खराब रहे हैं। इस दौरान लोगों में घातक वायरस के संक्रमण का डर बने रहने से गैर-जरूरी यात्राएं स्थगित रही हैं। विदेशी पर्यटकों का आगमन (एफटीए) नहीं होने से इस प्रमुख खंड से विदेशी मुद्रा आय में गिरावट आई है।