मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड रेल परियोजना को मुंबई महानगर और पूरे देश की आवश्यकता बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे सपनों के शहर के रूप में मुंबई की छवि और अधिक सशक्त होगी। मोदी ने कहा कि सरकार मुंबई में आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ठाणे और दिवा के बीच नयी बनायी गयी पांचवीं और छठी रेल लाइन का ऑनलाइन उद्घाटन कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ‘हर मुंबईकर’ (मुंबई-वासियों) को बधाई दी। श्री मोदी ने कहा,“ ये नई रेल लाइन, मुंबई वासियों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएगी, उनका जीवन और अधिक सुविधाजनक होगा। ”
मोदी ने कहा कि इन दोनों लाइंस के शुरू होने से मुंबई के लोगों को सीधे-सीधे चार फायदे होंगे। एक फायदा यह है कि अब लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए अलग-अलग लाइनें हो जाएंगी। दूसरे अन्य राज्यों से मुंबई आने-जाने वाली ट्रेनों को अब लोकल ट्रेनों को मार्ग के लिए इंतजार नही करना पड़ेगा। तीसरे कल्याण से कुर्ला सेक्शन में मेल/एक्सप्रेस गाड़ियां अब बिना किसी अवरोध के चलाई जा सकेंगी और चौथा फायदा यह होगा कि हर रविवार को होने वाले ब्लॉक के कारण कलावा और मुंब्रा के साथियों की परेशानी भी अब दूर हो गई है।
उन्होंने कहा,“ मुंबई महानगर ने आजाद भारत की प्रगति में अपना अहम योगदान दिया है। अब प्रयास है कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मुंबई का सामर्थ्य कई गुणा बढ़े। ” श्री मोदी ने कहा कि सरकार इसीलिए मुंबई में 21वीं सदी की अवसंरचना सुविधाओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल आज मुंबई की, देश की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल मुंबई की क्षमता को, सपनों के शहर के रूप में मुंबई की पहचान को सशक्त करेगी।” उन्होंने कहा कि इस परियोजना को तेजी से पूरा करना हम सभी की प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ आज से मुंबई क्षेत्र में सेंट्रल रेलवे लाइन पर 36 नई लोकल चलने जा रही हैं। इनमें से भी अधिकतर वातानुकूलित ट्रेनें हैं। श्री मोदी ने कहा कि ये नई रेल लाइनें, मुंबई की कभी न थमने वाली जिंदगी को और अधिक रफ्तार देगी। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई की लोकल ट्रेन की सुविधाओं को विस्तार देने का काम लोकल को आधुनिक बनाने के केंद्र सरकार के कमिटमेंट का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि अतीत में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स सालों-साल तक इसलिए पूरे नहीं होते थे क्योंकि योजना बनाने से लेकर क्रियान्वयन तक तालमेल की कमी थी। उन्होंने कहा कि तालमेल के बिना 21वीं सदी के भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण संभव नहीं है और सरकार ने अवसंरचना विकास के काम में सम्बद्ध विभागों में ताल-मेल के साथ काम करने की प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना घोषित की है।
मोदी ने कहा, “ इसलिए हमने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टरप्लान बनाया है। वर्षों से हमारे यहां एक सोच हावी रही कि जो साधन-संसाधन गरीब इस्तेमाल करता है, मध्यवर्ग इस्तेमाल करता है, उस पर निवेश नहीं करो। ”
उन्होंने यह भी कहा कि दशकों से मुंबई की सेवा कर रही लोकल का विस्तार करने, इसको आधुनिक बनाने की मांग बहुत पुरानी थी। 2008 में इस 5वीं और छठी लाइन का शिलान्यास हुआ था। इसको 2015 में पूरा होना था, लेकिन दुर्भाग्य ये है कि 2014 तक ये प्रोजेक्ट अलग-अलग कारणों से लटकता रहा। इसके बाद हमने इस पर तेज़ी से काम करना शुरू किया, समस्याओं को सुलझाया।
उन्होंने कहा कि इसी सोच की वजह से भारत के सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों की चमक हमेशा फीकी ही रही थी, लेकिन अब भारत उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा,“मुंबई उप-नगरीय रेल प्रणाली को आधुनिक और श्रेष्ठ टेक्नॉलॉजी से लैस किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि अभी जो मुंबई उप-नगरीय की क्षमता है उसमें करीब-करीब 400 किलोमीटर की अतिरिक्त वृद्धि की जाए। सीबीटीसी जैसी आधुनिक सिग्नल व्यवस्था के साथ-साथ 19 स्टेशनों के आधुनिकीकरण की भी योजना है। ”
उन्होंने इसी संदर्भ में गांधीनगर और भोपाल के आधुनिक रेलवे स्टेशनों का जिक्र किया और कहा कि ये स्टेशन रेलवे की नयी पहचान बन रहे हैं। आज 6000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन वाई-फाई की सुविधा से जुड़ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनें देश की रेल को गति और आधुनिक सुविधा दे रही हैं। आने वाले वर्षों में 400 नयी वंदे भारत ट्रेनें देशवासियों को सेवा देना शुरू करेंगी।
उन्होंने कहा,“ एक और पुरानी अप्रोच जो हमारी सरकार ने बदली है, वो है रेलवे के अपने सामर्थ्य पर भरोसा। 7-8 साल पहले तक देश की जो रेलकोच फैक्ट्रियां थीं, उनको लेकर बहुत उदासीनता थी। इन फैक्ट्रियों की जो स्थिति थी उनको देखते हुए कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि ये फैक्ट्रियां इतनी आधुनिक ट्रेनें बना सकती हैं।” उन्होंने कहा कि आज वंदे भारत ट्रेनें और स्वदेशी विस्टाडोम कोच इन्हीं फैक्ट्रियों में बन रहे हैं। आज हम अपने एकल प्रणाली को स्वदेशी समाधान से आधुनिक बनाने पर भी निरंतर काम कर रहे हैं। स्वदेशी समाधान चाहिए, हमें विदेशी निर्भरता से मुक्ति चाहिए।
उन्होंने कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए शुरू में शिवाजी महाराज का स्मरण किया। मोदी ने कहा,“ कल छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मजयंती है। सबसे पहले मैं भारत के गौरव,भारत की पहचान और संस्कृति के रक्षक देश के महान महानायक के चरणों में प्रणाम करता हूँ। ”
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार,पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस तथा कई सांसद और विधायक जुड़े थे।