बहुत जल्द कश्मीर के हालात पहले की सामान्य व शांतिपूर्ण होंगे। घाटी में अब आतंकवाद समाप्ति की ओर है। यहां के युवाओं को अब यह बात समझ आ गई है कि पाकिस्तान उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है। कश्मीर केे नाम पर उन्हें बली का बकरा बनाया जा रहा है। वे अब आतंकवाद के रास्ते पर नहीं बल्कि एक सामान्य जीवन की तलाश में हैं।
यह बात चिनार कोर के जीओसी लेफ्टनेंट जनरल डीपी पांडे ने कही। उन्होंने कहा कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कश्मीर में आतंकियों की भर्ती में काफी कमी आई है। आतंकवादी संगठन अपने सहयोगियों की मदद से युवाओं को कथित जेहाद का पाठ पढ़ाकर संगठनों में भर्ती करने का प्रयास कर रहे हैं परंतु अब युवा उनकी बातों में न आकर एक आम नागरिक का जीवन जीने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं।
आपको बता दें कि पिछले दिनोें सुरक्षाबलों ने घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के बहुत बड़े माड्यूल का भंडाफोड़ किया था। ये लोग स्कूल-कालेजों के छात्रों को संगठन में शामिल करने का काम करते थे। इन ओवर ग्राउंड वर्करों से पूछताछ के आधार पर और भी कई गिरफ्तारियां की जा रही हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने कहा कि पिछले सालों से तुलना करें तो घाटी में आतंकी संगठनों की भर्ती में कमी दर्ज की गई है। यही नहीं कश्मीर में जो आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं, उनके अधिकतर शीर्ष कमांडर मारे जा चुके हैं। ये संगठन बिना किसी शीर्ष कमांडर के होने की वजह से, लगभग समाप्ति की ओर हैं। इनकी संख्या भी काफी कम हुई है। कश्मीर के लोग दो सालों में घाटी के बदलते हालात से खुश हैं। वे अब अमन व शांति के साथ जीना चाहते हैं।
वहीं पाकिस्तान की बात करें तो वह ये सब देख पूरी तरह से बौखलाया हुआ है। कश्मीर में आतंकवाद की जड़े मजबूत करने के लिए वह जीतोड़ प्रयास कर रहा है। सेना दुश्मन के हरेक नापाक इरादे का सामना करने को तैयार है। घाटी में मौजूद आतंकवादियों का सफाया करने के साथ-साथ हमारे जवानों ने सीमा पर घुसपैठ रोधी ग्रिड और मजबूत किया है। हालांकि आतंकवादी संगठन भी निरंतर इस प्रयास में हैं कि वे किसी तरह जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करें और यहां हमलों में तेजी लाएं। हमें भी अपने सामने विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए भी विकसित होने की जरूरत है।