विश्व के सभी राष्ट्र आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के खिलाफ हों एकजुट: बिरला – Polkhol

विश्व के सभी राष्ट्र आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के खिलाफ हों एकजुट: बिरला

अबू धाबी / दिल्ली :  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि वैश्विक सुरक्षा, स्थिरता और सतत विकास के लिए यह आवश्यक है कि विश्व के सभी राष्ट्र आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की चुनौतियों से लड़ने के लिए एकजुट हों।

मंगलवार को यहाँ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की संघीय राष्ट्रीय परिषद के छठे पूर्ण सत्र के दौरान एक असाधारण सत्र में सदस्यों को संबोधित करते हुए श्री बिरला ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों का सदैव विरोध किया है। उन्होंने यूएई में हाल ही में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा, “यूएई में हाल ही में हुए आतंकी हमले की कड़े और स्पष्ट शब्दों में निंदा करता हूँ’ । धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद से बढ़ते खतरों और लोगों की सुरक्षा के संबंध में भारत और यूएई की साझा चिंता वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक परिदृश्य में हमारे सहयोग को नया रूप दे रही है।”

बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय विषयों पर विचारों की समानता ने इस संबंध को और गहरा बनाया है। साथ ही वरिष्ठ राजनेताओं तथा नागरिकों के एक दूसरे के देशों में नियमित यात्राओं के कारण दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक संबंध रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नया आयाम देने के साथ भावी आर्थिक विकास का आधार भी तैयार किया है। दोनों देशों के लिए एक मौका है कि वे एकजुट होकर अपनी मित्रता और साझेदारी को और सशक्त करें ताकि दोनों देशों की जनता को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रवासी समुदायों में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा है और इस समुदाय ने देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि भारतीय समुदाय दोनों देशों को जोड़ने वाले एक सेतु की भूमिका निभा रहा है और दोनों देशों को और अधिक निकट ला रहा है।

बिरला ने कहा ” भारत में डिजिटल इकोनॉमी, मानव संसाधन और स्मार्ट शहरीकरण की दिशा में की जाने वाली पहलों से उत्पन्न नए अवसरों का यूएई की कंपनियां लाभ उठा सकती हैं। भारत अंतरिक्ष और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को यूएई के साथ साझा करने और इस माध्यम से आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए तैयार है।”

उन्होंने यूएई द्वारा पिछले वर्षों में लोकतंत्र को व्यापक आधार देने और संसद में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने भारत की स्वतन्त्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य और यूएई के गठन के 50 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाएं दी ।

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