ओटावा: कनाडा के ओटावा में ट्रक ड्राइवरों के ‘स्वतंत्रता काफिले’ और हॉन्ग कॉन्ग में हिंसक विरोध प्रदर्शनों को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की सरकार ने जिस तरह से पेश कर ‘दोहरे मानक’ का प्रदर्शन किया है, उसकी कनाडा में चीन के राजनयिक मिशन ने निंदा की है।
क्या कहा चीनी दूतावास ने, जानें?
चीनी दूतावास का कहना है कि ट्रुडो ने इस तरह के विरोध प्रदर्शनों को लोकतंत्र के लिए खतरा माना है और इन्हें रोकने के लिए पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की है। ओटावा शहर को प्रदर्शनकारियों से मुक्त कराने के लिए अब इन पर हमला किया जा रहा है। इसके विपरीत, मार्च 2019 में हॉन्गकॉन्ग में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को ओटावा ने अपना समर्थन दिया था। ऐसे में यह कनाडा के ‘दोहरे मानक’ को दर्शाता है।
कनाडा में चीन के दूतावास ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ”कनाडा में कुछ लोग इस तरह के विरोध प्रदर्शनों को अलग-अलग जगहों के लिए भिन्न तरीके से देखते हैं। हॉन्गकॉन्ग के मामले में यह मानवाधिकारों के लिए किया गया प्रदर्शन था, जबकि कनाडा में इसे लोकतंत्र के लिए खतरा माना जा रहा है। इस तरह के दोहरे मानक को स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
चीन के राजनयिक मिशन ने इस बात का भी उल्लेख किया कि कनाडाई पुलिस ने ओटावा के शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को हिंसक रूप से तितर-बितर करने के लिए ब्लैक पेपर स्प्रे, स्टन ग्रेनेड और डंडे से वार सहित भीड़ को नियंत्रण करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए।
कनाडा में विरोध प्रदर्शनों का यह सिलसिला जनवरी से शुरू हुआ है। यहां सरकार ने अमेरिका जाने वाले ट्रक ड्राइवरों के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। इसको लेकर ट्रक ड्राइवरों में काफी आक्रोश है और वे इसके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।