दिल्ली: सैकड़ों भारतीय छात्र रोमानिया और पोलैंड की सीमा पर फंसे हुए हैं। ये छात्र युद्ध प्रभावित देश यूक्रेन छोड़ने के लिए बेताब है, लेकिन भारतीय दूतावास के आश्वासन के बावजूद दोनों देश उन्हें अपनी सीमा में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं।
सीमा पर फंसे भारतीय छात्रों ने आरोप लगाते हुए यूनीवार्ता को बताया कि पोलैंड तथा रोमानिया के अधिकारी उन्हें अपनी सीमा में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि उनकी सीमाओं पर नियुक्त संबंधित देशों में भारतीय मिशनों के नोडल अधिकारियों ने वहां पहुंचने पर कोई जवाब नहीं दिया।
कुछ छात्रों ने वीडियो कॉल के जरिए वहां की स्थिति से अवगत कराया। छात्रों ने फोटो को भी साझा किया, जिसमें दिखाई दे रहा है कि एक सीमावर्ती क्षेत्र में भारतीयों का एक विशाल जमावड़ा है और सीमा के द्वार बंद हैं। छात्रों ने बताया कि वे लोग कड़ाके की ठंड में सीमित मात्रा में खाद्य पदार्थ तथा पानी के साथ सीमा पर इंतजार कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि भारतीय मिशन से अनुमति मिलने के बाद वे लोग सीमा की ओर रवाना हुए थे।
विन्नित्सा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्र शिवांश मिश्रा ने कहा कि बताया कि हमें गूगल के जरिए एक फ़ॉर्म भरकर विवरण देने के लिए कहा गया था। अब जब यहां हम पहुचे तो कोई भी जवाब नहीं दे रहा है। केवल हमें और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। शिवांश ने बताया कि उसने तीन अन्य छात्रों के साथ यूक्रेन स्थिति भारतीय दूतावास के निर्देशों का पालन करते हुए रोमानिया सीमा तक पहुंचने के लिए एक टैक्सी बुक की थी।
वहीं 20 वर्षीय सैम जादोथ ने बताया कि उन्हें एक सीमा से दूसरी सीमा तक 800 किलोमीटर की यात्रा करने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, “हमारी टैक्सी पोलैंड सीमा से 40 किलोमीटर पहले यातायात में फंस गई थी क्योंकि स्थानीय लोग दूसरे देशों में भाग रहे हैं। मैंने दूतावास से संपर्क किया, तो मुझे वापस जाने के लिए कहा गया। यह दूतावास द्वारा हमें प्रदान फॉर्म भरने के बाद की स्थिति है। फिर हमने अपनी टैक्सी को पोलैंड की ओर से मोड़ दिया और वहीं पर हम अभी भी फंसे हुए हैं।”