हुबली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि मेकेदातु परियोजना की वर्तमान स्थिति के बारे में कांग्रेस पार्टी को भलीभांति पता है ,उसने पदयात्रा शुरू की है वह केवल राजनीतिक मकसद से की है, लोगों की भलाई की वजह से नहीं।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया, ”कांग्रेस की पदयात्रा को अहमियत देने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि पार्टी के नेता परियोजना की वास्तविकता के बारे अवगत हैं, लेकिन सब कुछ जानने के बावजूद केवल राजनीतिक फायदा लेने के लिए उन्होंने पदयात्रा शुरू की।”
परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में भी विफल रहे कांग्रेसी नेता : बोम्मई
बोम्मई ने कहा, कांग्रेस नेता जब सत्ता में थे, तब भी कांग्रेस नेता परियोजना पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में विफल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ”लोग पूछ रहे हैं कि मेकेदातु परियोजना के लिए कांग्रेस नेताओं का योगदान क्या रहा है?”
उन्होंने कहा, राज्य सरकार मेकेदातु और कलासा बंदूरी परियोजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक निर्णय लेगी और इसलिए इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
रविवार को रामनगर में पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सिद्धारमैय्या और डीके शिवकुमार जैसे कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में नगाड़े बजाए और इसी के साथ पार्टी ने मेकेदातु पदयात्रा की फिर से शुरूआत की।
उच्च न्यायालय की कर्नाटक सरकार को फटकार
इससे पहले पदयात्रा के प्रथम चरण में कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा भाजपा सरकार को फटकार लगायी गयी थी कि कोविड नियमों की अनदेखी करने वाली कांग्रेस के खिलाफ राज्यसरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती है और इसके बाद पदयात्रा को रोक दिया गया था।
कांग्रेस द्वारा यह पदयात्रा केंद्र में भाजपा की डबल इंजन सरकार पर दबाव बनाने और राज्य में परियोजना को जल्द से जल्द से शुरू करवाने के लिए किया जा रहा है क्योंकि यह डीपीआर के अनुमोदन के लिए एक केंद्रीय एजेंसी के पास लंबित है।
तमिलनाडु ने इस परियोजना पर आपत्ति जताते हुए शिकायत की कि मेकेदातु में कावेरी नदी के पार कोई भी निर्माण पानी के मुक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न करेगा, इसे लेकर परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है।