शाह ने लिया मणिपुर में उग्रवाद की समस्या को हल करने का संकल्प – Polkhol

शाह ने लिया मणिपुर में उग्रवाद की समस्या को हल करने का संकल्प

इम्फाल:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वादा किया कि अगर भारतीय जनता पार्टी को राज्य में पांच साल और दिए जाते हैं तो विद्रोही समूहों के साथ बातचीत करके और उन्हें मुख्यधारा में लाकर मणिपुर में उग्रवाद संबंधी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

शाह ने थौबल जिले की देवी मंडोप लम्पक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हमने पिछले पांच वर्ष में मणिपुर में बहुत काम किया है। हमें पांच साल और दें। मैं आपको बता रहा हूं, हम सभी विद्रोही समूहों के साथ बातचीत करेंगे और मणिपुर में स्थायी शांति लाएंगे।” उन्होंने कहा कि किसी भी मणिपुरी युवक को गोली नहीं मारी जाएगी और न ही किसी को जेल जाना पड़ेगा।

शाह ने कहा,“उन्हें मुख्यधारा में लाया जाएगा और वे देश एवं मणिपुर के विकास के लिए काम करेंगे। हम मणिपुर की सीमाओं को सुरक्षित करेंगे और शांति भी सुनिश्चित करेंगे।”

अपनी बात को पुष्ट करने के लिए,केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि पूरे पूर्वोत्तर में 9,500 से अधिक युवाओं ने हथियार डाल दिए हैं और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि बोडोलैंड हो या कार्बी समस्या (असम में), या त्रिपुरा की समस्याएं हों, भाजपा सरकार ने सभी समस्याओं का समाधान किया है।”

उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में नशीले पदार्थों की तस्करी पूरी तरह से बंद हो जाएगी। हम मणिपुर को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाएंगे।

शाह ने कहा कि यह राज्य के लोगों को तय करना है कि क्या वे कांग्रेस के चुनाव चिह्न को चुनेंगे जो गिरोह, नाकेबंदी और उग्रवाद के युग को वापस लाएगा या फिर दूसरी ओर, भाजपा के प्रतीक कमल को चुनेंगे, जो शांति, स्थिरता और विकास की शुरुआत करेगा। पूर्व मुख्यमंत्री एवं थौबल ओकराम से कांग्रेस उम्मीदवार इबोबी सिंह की रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के बारे में शिकायतों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा,“आपके शासन के दौरान, जब भी नाकाबंदी होती थी, तो रसोई गैस की कीमत प्रति सिलेंडर 3000 रुपये तक बढ़ जाती थी, और पेट्रोल की कीमत 300 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच जाती थी जबकि आटा 100 रुपये प्रति किलो बेचा जाता था।”

शाह ने  इबोबी पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान वह गांधी परिवार के ‘दरवाजे खटखटाते रहे’ लेकिन मणिपुर के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली नहीं प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा,“इसके विपरीत, वर्तमान मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को दिल्ली भी नहीं जाना पड़ा और उनके सिर्फ एक फोन कॉल के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर को आईएलपी दे दिया।”

शाह ने कहा कि जब उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की स्थापना से पहले 2015 और 2016 में राज्य का दौरा किया था, वहां बंद, नाकेबंदी और उग्रवाद की व्यापक समस्या थी तथा लोगों को अपने मूल अधिकारों के लिए भी लड़ना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान 600 से अधिक बंद और नाकेबंदी हुई थी, लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद ऐसा एक भी व्यवधान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बंद और नाकेबंदी के दिनों को समाप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की।

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